बड़ा सवाल ?क्या संगठित आपराधिक गिरोह का सफाया कर पायेगी पुलिस ?
ये सवाल इसलिए,क्योंकि, न्यायपालिका से जो सूचनाएं आ रही है ?जो CIATATION आ रहे है कि, जेल अपवाद है,बेल अधिकार है ?
न्यायिक,प्रशासनिक सुरक्षा के अभाव गवाहों का डर,प्रलोभन से मुकर जाना और अपराधियों की कुछ ही दिनों में जमानत हो जाना ? जमानत पर रहते हुए सामाजिक व्यवस्था में फिर से अपराधिक गतिविधियों में संलिप्तता सहित सामान्य व्यक्ति कोर्ट कचहरी में इन अपराधियों के विरुद्ध गवाही देने का साहस कहा जुटा पायेगा ?
क्या गारंटी है कि पुलिस का अभियोजन भी इतना पुख्ता और टिकाऊ होगा न्यायालय में जिससे अपराधियों को सजा सुनिश्चित हो ही जाए ?
हम पाठकों को बताना चाहेगे कि,बिलासपुर जिले के ग्राम मस्तूरी में हुए गोलीकांड के तार बिलासपुर निवासी अकबर खान सहित कई पूर्व से कुख्यात लोगों के नाम सामने आए है तभी हमने लिखा है कि, “क्या संगठित आपराधिक गिरोह का सफाया कर पायेगी पुलिस?”
पुलिस के दावों के अनुसार उपरोक्त घटना से ठीक पहले आरोपियों की बिलासपुर निवासी अकबर खान के साथ मीटिंग होना सुनिश्चित करता है कि ये संगठित गिरोह है, ओर कानून में अब अपराधियों के संगठित गिरोह की सारी संपति जप्त करने के प्रावधान भी केंद्रीय गृह मंत्री ने कथित नई IPC यानि BNS में किए है, वैसे भी यदि अभियोजन न्यायालय में अकबर खान के लिए आपराधिक साजिश मात्र भी साबित करने में सफल हुआ तो IPC 120(B) के तहत दस साल की सजा तो सुनिश्चित हो ही जाएगी ! तो क्यों न बिलासपुर SSP इस अति संवेदनशील मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में ट्रायल हेतु अभियोजन प्रस्तुत करे ?
सम्पूर्ण प्रकरण की घटना कुछ इस प्रकार है :
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में राजनीतिक वर्चस्व और जमीन बिजनेस की लड़ाई के चलते कांग्रेस नेता नीतेश सिंह पर गोली चलाई गई थी। इस मामले में अब पुलिस ने कांग्रेस नेता अकबर खान को गिरफ्तार किया है। जांच में पता चला है कि गोलीकांड से पहले मुख्य आरोपी विश्वजीत की कांग्रेस नेता अकबर खान के साथ मीटिंग हुई थी।
अकबर खान के साथ एक और आरोपी देवेश सुमन उर्फ निक्कु सुमन को भी गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के अनुसार अकबर खान नीतेश सिंह पर फायरिंग कराने की साजिश में शामिल था। वहीं हत्या कराने के लिए कांग्रेस नेता तारकेश्वर पाटले और नागेंद्र राय ने सुपारी दी थी। विश्वजीत को तारकेश्वर पाटले ने शूटर्स को देने के लिए एक लाख रुपए उपलब्ध कराए थे।
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पुलिस नागेंद्र राय और तारकेश्वर पाटले की तलाश कर रही है। हालांकि, दोनों पुलिस पकड़ से बाहर है।
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दरअसल, मस्तूरी जनपद उपाध्यक्ष नीतेश सिंह के कार्यालय में 28 अक्टूबर की देर शाम नकाबपोश शूटरों ने अंधाधुंध गोलियां बरसाईं थी। इस फायरिंग के दौरान मौके पर मौजूद मुड़पार के पूर्व सरपंच चंद्रकांत सिंह के हाथ और एक रिश्तेदार राजकुमार सिंह उर्फ ‘राजू सिंह’ के पैर पर 2 गोलियां लगीं थी।
24 घंटे में पकड़ाए शूटर्स समेत मास्टरमाइंड
पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए 24 घंटे के भीतर सभी शूटर समेत मास्टरमाइंड विश्वजीत को पकड़ लिया। जिसके बाद इन आरोपियों से पूछताछ की गई। कांग्रेस नेता नीतेश की हत्या की साजिश की जांच और आरोपियों से पूछताछ के लिए 4 आरोपियों को पुलिस रिमांड पर लिया गया। इस दौरान सभी से लगातार पूछताछ की गई। इनसे जानकारी ली जा रही है कि पिस्टल-कट्टा और कारतूस कहां से मिला।
वारदात से पहले अकबर खान के साथ मीटिंग
आरोपियों से पूछताछ के दौरान कई अहम जानकारियां मिली है। गोलीकांड से ठीक पहले आरोपी विश्वजीत की श्रीकांत वर्मा मार्ग पर कांग्रेस नेता अकबर खान के साथ मीटिंग हुई थी, जिसका पुलिस ने CCTV वीडियो भी जब्त किया है।
जांच में पता चला है कि अकबर खान अपने करीबी विश्वजीत के माध्यम से मस्तूरी क्षेत्र में जमीन का कारोबार करता था। उसके खिलाफ साक्ष्य मिलने पर उसे गिरफ्तार किया गया है।
कांग्रेस नेता तारकेश्वर पाटले और नागेंद्र राय भी साजिश में शामिल ? गिरफ्तार आरोपियों का कांग्रेस नेता तारकेश्वर पाटले और नागेंद्र राय के साथ करीबी संबंध रहा है। इसी आधार पर पुलिस ने उनसे पूछताछ की और कई महत्वपूर्ण साक्ष्य जुटाए। जिसमें कांग्रेस नेता नीतेश की हत्या की साजिश में तारकेश्वर पाटले और नागेंद्र राय के शामिल होने की जानकारी मिली है।
इस घटना के मास्टरमाइंड विश्वजीत को तारकेश्वर पाटले ने शूटर्स को देने के लिए एक लाख रुपए उपलब्ध कराए। जबकि, नागेंद्र राय भी हत्या की प्लानिंग में शामिल रहा। इसी आधार पर पुलिस दोनों आरोपियों की तलाश कर रही है। हालांकि, तारकेश्वर और नागेंद्र राय पुलिस गिरफ्त से बाहर है।
सरगना समेत बदमाशों से पिस्टल-कट्टा बरामद
गिरफ्तार आरोपी और सरगना विश्वजीत अनंत, उसके भाई और अन्य आरोपियों से पूछताछ के बाद पुलिस ने उनकी निशानदेही पर 5 पिस्टल बरामद किया है। बताया जा रहा है कि आरोपियों ने पिस्टल को हाईवे के आसपास छिपाकर रखा था।
हालांकि, अभी यह पता नहीं चला है कि, आरोपियों ने इतनी बड़ी मात्रा में पिस्टल, कट्टा और कारतूस कहां से जुटाए थे। यह माना जा रहा है कि विश्वजीत का उत्तरप्रदेश के मवेशी तस्करों से संबंध रहा है। ऐसे में वो उत्तरप्रदेश से पिस्टल और कट्टा लेकर आया होगा। हालांकि, पुलिस हथियार उपलब्ध कराने वालों की भी जानकारी जुटा रही है।
बिलासपुर गोLI कांड : 2 और आरोपी गिरफ्तार, जेल जाने से पहले आरोपियों से मिलने पहुंची भीड़
https://youtu.be/vp3_V8CSv9M?si=dZkEkjsqEL1mQ3Yu
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