सता का नशा,देख लूंगा?जनसेवक शब्द को कलंकित करने वाला नेता?

अन्य संगठनों की तरफ यदि छत्तीसगढ़ का मिडिया भी संगठित होता तो छत्तीसगढ़ में किसी की भी सता रहे,कोई भी नेता हो, मिडिया को कोई फर्क नही पड़ेगा, देख लेना तो दूर की बात है ? जब एक पत्रकार को कोई सता या शासक या नेता देख लेने की बात करता है तो यदि हजारों की संख्या बल के साथ उक्त सता और नेता के खिलाफ एकमत से लिखने लगेगे तो सुप्रीम कोर्ट के जज पालकीवाल और वर्तमान CJI की हिम्मत नही है कि किसी मिडिया वालो को देख लेने की धमकी देवे ?नुपुर शर्मा मामले में सोशल मीडिया पर करोड़ों लोगो ने अत्यधिक खेद जनक,अपमान जनक भाषा में लोगो ने सुप्रीम कोर्ट के जज पा को और कश्मीर में धारा 370 की सुनवाई के दौरान CJI पर सोशल मीडिया मंचो पर बहुत आलोचना की गई, लेकिन किसी भी जज ने लोगो को देख लेने की धमकी नही दी ! पत्रकार संगठनों में खुद ही जलनखोरी,द्वेष भावना से ग्रसित है, एकता का आभाव है, इसी का फायदा सता सहित नेता उठा रहे है, कोई पत्रकारों को दो कौड़ी का बोलता है तो कोई लात भी मार देता है तो कोई देख लूंगा की धमकी भी देता है ?
देशभर में राजनीति से जुड़े सफेदपोश लोग चुनाव में मतदाताओं के घर घर दर दर कुत्तों की तरह घूम घूमकर जनसेवक होने का दंभ भरते है, प्रयास करते है कि उनके किसी आचरण,चरित्र से कोई पत्रकार,मिडिया पर्सन, या मतदाता नाराज न हो जाए, लगभग सभी राजनीतिक दलों की एडवाइजरी भी है कि मीडिया से मधुर संबंध बनाओ, कितनी भी बुरी है या पक्षपाती है देश की मिडिया, लेकिन किसी सता के गिराने और सतारूढ़ कराने की खुब्बत यदि किसी में है तो मिडिया में है ! लेकिन वर्तमान राजनीति में कुछ गुंडे टाइप के लोग राजनीति में इसलिए आते है कि निपटा दूंगा, देख लूंगा? क्या इसलिए नेता बने हो क्या नेता जी ? क्या इसी को जनसेवक कहते है क्या,नेता जी,
अटल बिहारी वाजपेई जी PM पद पर आसीन, और उनका भतीजा ट्रेन की जनरल बोगी में सफर कर रहा था, ट्रेन में यात्रियों के बीच विवाद में मर्डर हो जाता है, लेकिन उन्होंने यह नही बताया कि वो पीएम के भतीजे है, और उपरोक्त नेता जी ? देख लूंगा, निपटा दूंगा, ?ये कौन सी जनसेवक की भाषा,चरित्र और आचरण है नेता जी ?
जांजगीर चाम्पा(प्रमुख वक्ता) । प्रेस क्लब चाम्पा के अध्यक्ष कुलवंत सिंह सलूजा सहित क्लब के सदस्यों को युवा कांग्रेस सक्ती के अध्यक्ष ने फोन पर अपशब्दों का प्रयोग करते हुए देख लेने की धमकी दी है। सत्ता और पद का नशा ऐसे छाया है कि संगठन के गरिमा को नजरअंदाज कर दिया और वरिष्ठ पत्रकारों को धमकी दे डाली। मामले की शिकायत क्लब के सदस्यों ने चाम्पा थाने में लिखित में की है। साथ ही कांग्रेस हाईकमान ने भी इसे गंभीरता से लेते हुए अनुशासन हीनता माना है।
सक्ती जिला के युवा कांग्रेस अध्यक्ष बालेश्वर साहू ने प्रेस क्लब चाम्पा के अध्यक्ष कुलवंत सिंह सलूजा सहित सदस्यों के साथ फोन पर गाली गलौच करते हुए दुर्व्यवहार किया है। सत्ता के नशे में चूर नेता ने रायपुर से आने के बाद देख लेने की धमकी दी है। क्लब के पत्रकार किसी कार्य को लेकर 27 अगस्त की सुबह 8:30 बजे चाम्पा स्थित तहसील रोड वाले उनके निवास पर पहुंचे थे। इस दौरान वो घर पर मौजूद नही थे, जिसपर पत्रकारो ने घर के बाहर ही उन्हें फोन किया। फोन पर सामान्य चर्चा पर ही कांग्रेसी नेता भड़क गए। उन्होंने रायपुर में होने की बात कहते हुए दुर्व्यवहार कर अपशब्दों का प्रयोग किया। यह तक कह डाला कि जहाँ हो वही रहो मैं तुरंत रायपुर से आता हूं देख लूंगा, इसका परिणाम भी भुगतान करना पड़ेगा। अपशब्दों का प्रयोग करते हुए कहा की मेरा नाम बालेश्वर साहू है कहते हुए देख लेने की धमकी दी है। इस पूरे वाक्या के दौरान मोबाईल का स्पीकर चालू था जिसे सभी पत्रकार सुन रहे थे। इस घटनाक्रम से भड़के पत्रकार बड़ी संख्या में चाम्पा थाना पहुंचे और नगर निरीक्षण से लिखित में शिकायत की है और उनके खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की है। साथ ही मामले से कांग्रेस हाईकमान को भी अवगत कराया गया है। कांग्रेस हाईकमान ने इसे गंभीरता से लेते हुए गलत करार दिया है और अनुशासन हीनता माना है। इसके अलावा उचित कार्यवाही करने की बात कही है। पत्रकारो से दुर्व्यवहार का यह मामला काफी तूल पकड़ रहा है और पत्रकार भड़के हुए है। इस घटना की जानकारी जांजगीर चाम्पा जिले के पत्रकारों सहित प्रदेश के कई जिलों के पत्रकारों तक पहुची है। जिसके बाद वे सभी उचित कार्यवाही की मांग कर रहे है। इसके अलावा पूरे पत्रकार जगत को किया गया अपमान कह रहे है।