क्या हिंदुओ ने पूर्ववर्ती फिल्मों को मनोरंजन समझकर अपनी कम अक्ल का परिचय दिया ?
https://youtu.be/EuvCqryEeVg?si=oI09VjTvSU2bKe2l
फिल्म शान में अब्दुल ने साफ साफ तो बता दिया था कि, आपकी (हिंदुओ) की एक एक गतिविधि पर नज़र है ! आज के समय में फिल्मी सच हिंदुओ की जिंदगी का सच बन गया है ! इन अब्दुलों के पास हिंदुओ की गतिविधियों की जानकारी का इतना अधिक डेटा है जो किसी पुलिस, जांच एजेंसियों अथवा सरकार के पास भी नहीं है !
आते जाते हुए सब पर नजर रखता हूं, नाम “अब्दुल” है मेरा सब पर नजर रखता हूं !
आज भी मुस्लिमो को इशारे काफी है ?
राहुल गांधी रेलवे इंजीनियरों के साथ रेल पटरियों का निरीक्षण करने जब से गए थे, तभी से रेलवे पटरियों पर ट्रेनों को डिरेल करने की, रेलवे पर, चलती ट्रेनों पर हमलों कोशिशें तेज हो गई ?
हिंदुओ को ना इशारे समझ आते है और ना फिल्म में दिखाई गई सांकेतिक भाषा ?
