ऐसे धार्मिक चोलाधारी का बोझ सहने को मजबूर सनातन,जो हिंदुओ को विभक्त करने का काम करते है ?

हमे कुछ नहीं कहना, लेकिन सोशल मीडिया मंचो पर वायरल ये संदेश बहुत कुछ कहते है !
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♦️गुजरात के तथा कथित सनातनी और BJP की मानसिकता वाले कथा वाचक चंद्र गोविन्द दास ने देश की महिलाओं को व्यभिचारी कहा ❓*
*♦️BJP RSS VHP विचारधारा वाले आंबेडकर और मुगलों एवं मुस्लिम के विरोध में अपने सनातनी संप्रदाय का प्रचार करने अपने व्यक्तव्य में कुच भी बफ़ाट करते रहते हैं।*
*♦️ ये महाशय ने महिलाओ पर अपने प्रवचन में कहा की जो मां बाप अपनी बेटियों को नौकरी और शिक्षा के लिए घर से बाहर निकलने अनुमति देते हैं वह हरामखोर होते हैं और बहार निकल ने वाली महिलाएं व्यभिचारी होती हैं तो डॉ बाबा साहब आंबेडकर के संविधान से देश की महिलाओं को स्वतंत्रता देने की बात ग़लत है यही कहना है ❓*
*♦️संविधान में महिलाओं को स्वतंत्रता का अर्थ ये है की महिलाओं को भेदभाव, हिंसा और सामाजिक बाधाओं से मुक्त रहकर अपनी पसंद के अनुसार जीवन जीने की स्वतंत्रता. इसमें अपने निर्णय लेने, शिक्षा प्राप्त करने, काम करने, और सामाजिक और राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेने की स्वतंत्रता शामिल है ।*
*♦️BJP RSS की विचारधारा वाले ये तथा कथित सनातनी कथा वाचक को सवाल है की BJP पार्टी से जुड़ी महिलाएं जो देश भर में BJP समारोह में हाजिर होने वाली महिलाओं भी व्यभिचारी है क्या ❓*
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विडंबना यह है कि, मार्केट में आए दिन कोई न कोई बाबा खुद को लॉन्च कर रहा है, शुरू में ये बाबा कुछ ऐसा बोलते है जिसे सुनने के लिए हिंदुओ के कान तरस रहे होते है ! लेकिन, बिना शास्त्रों के अध्यन किए,आधे अधूरे ज्ञान के साथ जब ये अपनी निजी सोच को समाज पर थोपने लगते है इन सभी बाबाओं की भाषा भिन्न भिन्न होती है, जो मन में आया बोल दिया, क्योंकि इनको मालूम है कि 56 भोग खिलाने वालों की कमी नहीं है ? कमाल की है बाबाओं की दुनिया ! कलियुगी है बाबाओं की दुनिया ? पुराने वाले जेल जाते है तो जैसे बाबाओं की दुनिया में स्थान रिक्त होते है नए नए बाबा मार्केट में लॉन्च हो जाते है ?अधिकांश के ज्ञान,उपदेश का सार और मोक्ष दिलाने की गारंटी का रास्ता एक ही है बताते है, भंडारे करो,अहिंसक बनो, सर्वे भवन्तु सुखिन, इन बाबाओं को 56 भोग खिलाओ, तो ये खुद ही मोक्ष की सीट स्वर्ग में सुरक्षित कर देंगे ?