लाखो कश्मीरी पंडितों पर जुल्मों सहित सर तन से जुदा होने पर न बोलने वालों का अल तकिया अंदाज दिखा बिलासपुर में ?

बिलासपुर। भाई चारा एकता मंच ( भाई कौन ? चारा कौन ? )
द्वारा कल शाम देवकीनंदन चौक, बिलासपुर में पहलगाम में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए लोगों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। लेकिन इस्लाम के उसूलों के अनुरूप हमलावरों के सर तन से जुदा करने की मांग नहीं क्यों नहीं किया ?
इस अवसर पर कैंडल मार्च का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में शहर के कथित गणमान्य नागरिकों और सामाजिक संस्थाओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया।
खालिद खान ने शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने का आह्वान किया। साथ ही उन्होंने कहा कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता,इस्लाम ने हमेशा भाईचारे का संदेश दिया है। जो लोग आतंकी संगठन से जुड़े है वे देश द्रोही है ! इन्होंने कहा कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता तो फिर सभी आतंकी मुस्लिम ही क्यों थे, ओर धर्म पूछ पूछकर क्यों हत्याएं की गई, हिन्दू पर्यटकों के आसपास तो बहुत सारे मुस्लिम भी थे ?
कार्यक्रम में भाई चारा एकता मंच के सदस्य शाहरुख अली ने शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की।
इस श्रद्धांजलि सभा में प्रियंका शुक्ला (अधिवक्ता) ने कहा कि ये हमला निंदनीय है इंसाफ मिलना चाहिए। (मोदी जी,मोटा भाई, अजीत डोभाल जी है न इंसाफ करने वाले,रुको थोड़ा)
इस दौरान सज्जाद, अब्दुल वाहिद सिद्दीकी, लखन सुबोध, वीरेंद्र भारद्वाज, रेहान रज़ा, नंदकश्यप भैया और रमीज अली सहित कई तथाकथित सम्माननीयगण उपस्थित रहे।
इनमें से एक भी असली वाला सेक्युलर नहीं है !