होश में आओ हिंदुओ !होश में आओ सामाजिक अध्यक्षों !

लव जिहाद के मामलों में बेतहाशा वृद्धि, धर्मांतरण के मामलों में बेतहाशा वृद्धि ! लैंड जिहाद के मामलों में बेतहाशा वृद्धि !
उपरोक्त तीनों मामलों में न समाज बचेगा, न सभी समाज में वैवाहिक रिश्तों हेतु लड़किया बचेगी, ओर धर्मांतरण में तो सारी की सारी सामाजिक व्यवस्था ही ध्वस्त हो जाएगी फिर अपने अपने समाज के अध्यक्ष और पदाधिकारी बनकर करोगे क्या निकम्मों ! इतिहास आपको माफ नहीं करेगा, आप लोग सामाजिक अध्यक्ष और पदाधिकारी बनते फिरते हो,लेकिन अपने अपने समाज की सुध लेने की फुर्सत नहीं है ! ये तो लव जिहाद के गिने चुने मामले ही सुर्खियों में आते है ! प्रतिदिन सैकड़ों मामलों में तो पता ही नहीं चलता ओर न सामाजिक स्तर पर विरोध होता है ! आज कोई भी,किसी भी हिन्दू जाति का समाज यह कहने की स्थिति में नहीं है कि उनके समाज की लव जिहाद में नहीं भागी है ? क्या आपका समाज सम्मानित रह पाएगा ? जरा चिंतन,मनन तो कीजिए सामाजिक अध्यक्षों !

