क्या हिंदू खाता भी गहरी नींद में है ?

बिलासपुर सहित देशभर में बड़े बड़े धन्ना सेठ बड़ी बड़ी महंगे पान दुकानों पर 50/100 रुपया वाला पान खाकर अपनी शान समझता है ?लेकिन उसे ये होश ही नहीं कि वो खा क्या रहा है, उसे खिलाया क्या जा रहा है ? हिंदू न केवल, गहरी नींद में है,बल्कि इसी गहरी नींद में खाता भी है, हिंदुओ को जरूरत ही नही देखने की,जांचने की, परखने की ? हिन्दू को कोई मतलब ही नही, उसे तो केवल स्वाद चाहिए ? महंगे लोगो को महंगे शौक पूरे होने चाहिए ? इस सूचना के साथ जो फोटो है यह सुगंधित पान फ्लेवर है, जो बड़ी बड़ी पान की दुकानों में महंगे पान में डालकर हिंदुओ को परोसा जाता है ! यह एक इस्लामिक उत्पाद होने के साथ साथ इस पैकेट पर न तो उत्पादन कर्ता का नाम,पता है और न पेकिंग डेट, एक्सपायरी डेट, न ही कोई मूल्य अंकित, न ही कही यह लिखा है कि ये किस किस मिश्रण से बना है, न ही यह लिखा है कि यह शाकाहारी है या मांसाहारी ? न कोई betch नंबर है ? न बनाने वाले का पता ठिकाना और न बेचने वाले का, न कोई फूड लाइसेंस नंबर ?
क्या खा रहा है हिंदू, और क्या बेच रहा है हिंदू ?
किसी को होश क्यों नही ?
मार्केट में यह तथाकथित पान फ्लेवर लगभग 1500रू किलो है ! ओर हिन्दू बिना जांचे परखे बड़े चाव से खा रहा है, शायद ही किसी ने किसी पान दुकान वाले से पूछा हो कि भाई क्या खिला रहे हो ?क्या मिला रहे हो ?एकमात्र हिन्दू ही है जो खाता भी गहरी नींद में है ?
काहे की भक्ति कर रहे हो हिंदुओ, मुल्लो के हलाला (थूक) युक्त मासाहारी व्यंजन खाकर किस देवता को खुश करोगे हिंदुओ !
ये कलियुग भी आप ही तो लाए हो हिंदुओ ?


कभी किसी हिन्दू ने झांक कर कभी देखा ही नहीं कि घरों में बच्चो की सेहत बनाने वाला गुलाब की पंखड़ियों का गुलकंद बनाता कौन है ?आता कहा से है ? जबकि अधिकांश गुलकंद के पैकेट पर तो लिखा भी होता है कि अजमेर शरीफ का उत्पादन है, यानि मृत व्यक्ति की मजार पर चढ़े फूलो से निर्मित गुलकंद खाते रहे है हिन्दू ?केसे हमारे भगवान आपकी पूजा,भक्ति, आस्था का प्रतिफल देंगे ? न तन पवित्र, न मन पवित्र ? न घर पवित्र ?