आंखों पर बंधी पट्टी हटाओ,कलियुगी me lords
सिर्फ छत्तीसगढ़ ही नहीं,देशभर की जनता एक अंतहीन समस्या से जूझ रही है ! आए दिन प्रशासनिक अधिकारियों सहित प्रशांत भूषण जैसे वकीलों के झूठे शपथ पत्रों पर भरोसा कर रहे है कथित ME LORDS,
सामान्य व्यक्ति एक लाइन भी परिवाद में गलत लिख दे ?तो सुधार हेतु 4/5 पेशी का काम बढ़ जाएगा, लेकिन सरकारों के कथित प्रतिनिधि अपने अधिकारियों के आए दिन झूठ से भरे शपथ पत्रों को सच मान रही है अदालतें,
कैसे न हो ?न्यायालयों की अवमानना,कैसे बचे न्याय के मंदिरों की गरिमा,सख्त कार्यवाही के अभाव में मजाक बनकर रह गई है न्यायपालिका ! जिसकी परवाह न कथित me lords को है न सरकार की अफसरशाही को है !
हम,सड़कों पर बैठी,विचरण करती लावारिस गायों की कर रहे है बात,
Me lords कभी सच जानने के लिए सामान्य व्यक्ति बनकर सड़कों का जायजा तो लीजिए,बिलासपुर से किसी भी ग्रामीण क्षेत्र के रास्ते पर विचारण तो कीजिए,देखिए तो सही कैसे गायों का झुंड सड़कों पर बैठा रहता है ! कुछ तो कीजिए me lords ? या न्याय की कथित प्रतीकात्मक देवी की आंखों की पट्टी कभी नहीं खुलेगी का कामयाब फॉर्मूला चलता रहेगा?
झूठी,असत्य जानकारी के साथ शपथ पत्र देकर झूठ को सच दिखाने वाले कुछ ऐसे प्रशासनिक अधिकारियों को जेल तो भेजिए me lords ?
इस सूचना रूपी न्यूज के साथ प्रस्तुत वीडियो तो मात्र एक छोटा सा साक्ष्य भर है,कोई ऐसा रास्ता नहीं, रात के समय अंधेरे में सड़के लावारिस गायों से लबालब न हो ?गाय मरे या जनता ?कथित me lords /झूठे शपथ पत्र दायर करने वाले प्रशासनिक अधिकारियों को क्या ? कोई जज परिवार का या VIP थोड़े ही मरता है ?
क्या राम भरोसे यू ही चलता रहेगा ये अंतहीन सिलसिला ?सभी के लिए विचारणीय,चिंतनीय !
फल,ठेला,फुटपाथ पर अपनी आजीविका चलाने वालों का सामान लूटने वाले नगर पालिकाओं के लुटेरों को सड़को पर बैठी गायों के झुंड हटाने में रुचि क्यों नहीं ?




