IMA द्वारा अपने सभी सदस्यों को इलाज में लापरवाही न बरतने हेतु सख्त निर्देश जारी करने की जरूरत !
बिलासपुर : अब वो जमाना गया कि डॉक्टर द्वारा कारित किसी आपराधिक कृत्य पर डॉक्टर बचायेगा?पुलिस द्वारा किसी आपराधिक कृत्य करने पर पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी बचायेंगे? यहां तक कि जजों की अनुशासन हीनता सहित लापरवाही पर भी अब बड़े पैमाने पर कार्यवाहिया हो रही है ?
पुरातन काल में समाज के लिए सेवाभावी व्यवसाय कहे जाने वाले,स्वास्थ्य,शिक्षा,न्याय इत्यादि का आधुनिकता की इस दौड़ में लगभग में व्यवसायीकरण हो चुका है ?अत्यधिक महंगी चिकित्सा के वावजूद जनता को सही इलाज न मिलना या व्यवसायिक कदाचरण का शिकार होकर भी चुप बैठना अब शायद संभव नहीं !
बिलासपुर में स्वास्थ्य सेवाओं की बात करे तो कई हॉस्पिटल्स में बड़े बड़े बोर्ड इस आशय के जरूर लगे है कि उनके यहां विश्व स्तरीय सुविधा उपलब्ध है, हॉस्पिटल के बोर्ड पर अनेक विशेषज्ञों के नाम भी लिखे होते है, लेकिन ये विशेषज्ञ संबंधित हॉस्पिटल में पूरा समय कभी उपलब्ध होते नही है ! यही स्थिति जगह जगह खुले टेस्टिंग लैब की है,मेडिकल परीक्षण हेतु MD, pathology विशेषज्ञों के अभाव में डिप्लोमा धारी अकुशल लोग, जनता के ब्लड टेस्टिंग इत्यादि टेस्ट कर रहे है ! कानूनी कार्यवाही से बचने मात्र के लिए कॉन्ट्रैक्ट पर किसी संबंधित विशेषज्ञ के हस्ताक्षर मात्र करवाए जा रहे है ! कई हॉस्पिटल में विशेषज्ञों के अभाव में आयुष वाले डॉक्टर न केवल इलाज कर रहे है बल्कि, पर्चा /लेटर पैड विशेषज्ञ डॉक्टर की, और इलाज और दवा लिख रहे है आयुष वाला डॉक्टर, ऐसा भी देखा गया है ?जब फीस विशेषज्ञ डॉक्टर की योग्यता की ली जा रही है तो इलाज आयुष वाले डॉक्टर से क्यों ?यही स्थिति अधिकांश हड्डी वाले डॉक्टरों के यहां देखने को मिलती है, प्लास्टर अक्सर खुद डॉक्टर कभी नही करते है ! ऐसे कई मामले हुए है कि गलत प्लास्टर के दबाव के कारण कई लोगो को परेशानियां हुई है ? जबकि शुल्क विशेषज्ञ डॉक्टरों के नाम पर लेते है, स्थितियां कुछ ऐसी है कि अब हमे मेडिकल उपचार सुविधा को स्वास्थ्य सेवा भी नही कहना चाहिए बल्कि मेडिकल व्यवसाय कहना अधिक उचित होगा ?अधिकांश बड़े बड़े नामी गिरामी हॉस्पिटल में प्रशिक्षित डिग्रीधारी नर्स तक नही है ?
ताजा मामला, अपोलो में 4 डॉक्टरों द्वारा इलाज के दौरान लापरवाही का है ! आज दिनांक 29/12/23 को चारो डॉक्टरों की गिरफ्तारी पश्चात जमानत पर छूटे है ! प्रस्तुत है अपोलो के डॉक्टरों द्वारा इलाज में लापरवाही की पुलिस द्वारा पब्लिक डोमेन हेतु जारी जानकारी :_
बिलासपुर थाना- सरकंडा में ईलाज में लापरवाही बरतने व सबूत मिटाने के लिए अपोलो अस्पताल में काम कर रहे चार डॉक्टर गिरफ्तार। अस्पताल प्रबंधन पर होगी कार्यवाही
मृतक गोल्डी छाबरा के परिजनों द्वारा अस्पताल प्रबंधन एवं डॉक्टरों पर ईलाज में लापरवाही का लगाया गया था आरोप
विशेषज्ञ डॉक्टर्स की टीम की जांच में लापरवाही की पुष्टि होने पर अस्पताल प्रबंधन एवं ईलाज करने वाले डॉक्टरों पर पूर्व में हुआ था अपराध पंजीबद्ध
मामले का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि दिनांक 26.12.2016 को अपोलो अस्पताल बिलासपुर से एक मेमो प्राप्त हुआ जिसमें गोल्डी उर्फ गुरवीन छाबडा आ. परमजीत सिंह छाबडा, उम्र 29 साल साकिन आदर्श कॉलोनी दयालबंद थाना कोतवाली जिला बिलासपुर के द्वारा सल्फास पाईजनिंग से मृत्यु होने के संबंध में लेख है जिस पर थाना कोतवाली में मर्ग कमांक 45/2016 धारा 174 जाफौ कायम कर जांच किया गया। जांच के दौरान मृतक के परिजनों द्वारा अपोलो अस्पताल प्रबंधन एवं संबंधित डॉक्टरों द्वारा ईलाज में लापरवाही बरतने एवं गलत उपचार करने के संबंध में शिकायत प्रेषित किया गया था, जांच में मृतक का पोस्ट मॉर्टम सिम्स अस्पताल बिलासपुर से कराया गया, तथा जप्तशुदा प्रदर्शों का परीक्षण राज्य न्यायालयिक विज्ञान प्रयोगशाला रायपुर से कराया गया, मृत्यु के संबंध में संभागीय मेडिकल बोर्ड छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान बिलासपुर के मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट प्राप्त हुई जिसमें विशेषज्ञों द्वारा अपोलो अस्पताल प्रबंधन एवं संबंधित डॉक्टरों द्वारा ईलाज के दौरान लापरवाही बरतने के संबंध में उल्लेख किया गया। इस संबंध में डायरेक्टर संचालनालय मेडिकोलीगल संस्थान गृह (पुलिस) विभाग मेडिकोलीगल विशेषज्ञ एवं मेडिकोलीगल सलाहकार छत्तीसगढ़ शासन जेल रोड मेडिकल कालेज भवन रायपुर से दिनांक 27.09.2023 को रिपोर्ट प्राप्त हुआ। रिपोर्ट में विशेषज्ञ द्वारा डॉक्टर एवं अस्पताल प्रबंधन द्वारा लापरवाही किये जाने के संबंध में अलग-अलग बिन्दुओं पर उल्लेख किया गया है। इस प्रकार मर्ग जांच, मेडिकल बोर्ड, विशेषज्ञ की जांच रिपोर्ट के आधार पर मृतक गोल्डी उर्फ गुरवीन छाबडा की मृत्यु ईलाज के दौरान अपोलो अस्पताल प्रबंधन बिलासपुर एवं संबंधित डॉक्टरों की लापरवाही से होना पाये जाने से थाना सरकण्डा में अपराध कमांक 1342/2023 धारा 304ए, 201, 34 भादवि के तहत् अपराध पंजीबद्ध कर अस्पताल प्रबंधन एवं डॉक्टरों द्वारा ईलाज में लापरवाही करने के संबंध में विवेचना के दौरान 4 डॉक्टरों जिसमें डॉक्टर देवेन्द्र सिंह, डॉक्टर राजीव लोचन, डॉक्टर मनोज राय एवं डॉक्टर सुनील केडिया द्वारा ईलाज में लापरवाही बरतना पाया गया। जिससे सभी को आज दिनांक 29.12.2023 को गिरफ्तार किया गया है, प्रकरण में अपोलो अस्पताल प्रबंधन एवं अन्य डॉक्टरों की लापरवाही के संबंध में जांच की जा रही है।



