उचकाया ! उचक गया,और भूंजा गया ! निर्दलीय प्रत्याशी की दर्द भरी दास्तां!

उचकाया ! उचक गया,और भूंजा गया ! निर्दलीय प्रत्याशी की दर्द भरी दास्तां!

बिलासपुर : विगत बिलासपुर विधानसभा चुनाव में भाजपा के किसी प्रकोष्ठ का सक्रिय कार्यकर्ता और विभिन्न हिन्दू संगठनों में सक्रिय रहने वाले शख्स सहित हिन्दू संगठनों से जुड़े कुछ ऐसे लोगो के उचकाने पर,जो भाजपा नेता की चुनाव में हार देखना चाहते थे, बिलासपुर विधानसभा से महेंद्र प्रताप सिंह राणा को भारी जनसमर्थन के लिए उचाकाया, तथा जीत का फार्मूला भी समझा दिया कि बिलासपुर विधानसभा में ढाई लोग मतदाताओं में से लगभग 50 से 60%वोटिंग होती है, यानि लगभग सवा लाख वोट पड़ने है और अबकी बार तो 18 प्रत्याशी मैदान में है ? यदि आप मात्र दस हजार वोट भी हासिल कर लेंगे तो बिलासपुर से चुनाव जीत जायेगे और विधायक बन जायेगे? इस उकसावे में जो लोग है, उनका खुलासा कर ऐसे दोगले लोगो को महेंद्र प्रताप सिंह राणा बेनकाब तो करना तो चाहते है लेकिन उन्हें सही मंच नही मिल रहा ! और सही समय का भी इंतजार है ! महेन्द्र प्रताप सिंह राणा अपना सामान्य और अच्छा जीवन व्यतीत कर रहा था कि हिंदू संगठनों के कुछ लोगो ने महेन्द्र प्रताप सिंह राणा को विधायक बनने के लिए ऐसा उचकायां कि राणा तो लाखो रू से भूंजा गया, लेकिन, हिन्दू संगठनों के कुछ सक्रिय लोगो सहित भाजपा नेता की चुनावी हार का सपना संजोय, खुद को भाजपा के किसी प्रकोष्ठ का सक्रिय कार्यकर्ता बताने वाला भी अब सिकंदर बने भाजपा नेता के साथ फोटो खिंचवा रहा है !

पूर्व से भाजपा समर्थक महेन्द्र प्रताप सिंह राणा ने कभी सोचा भी नहीं था कि हिन्दू संगठनों के कुछ लोग, भाजपा नेता को चुनाव में निपटाने हेतु हजारों हिंदुओ के समर्थन सहित हजारों हिंदुओ के वोट दिलाने का वायदा कर, उनके साथ इस तरह छल पूर्वक बर्बाद करेगे ? आजीवन थोड़ी थोड़ी बचत से बच्चो के लिए की गई 12लाख की FD की WHAT लग गई, परिजनों के कोपभाजन का शिकार होना पड़ा अलग ?

हमे यह छलावा ठीक उसी तर्ज पर प्रतीत होता है,जैसे अत्यधिक कम कीमत पर नकली सोना बेचने वाले गिरोह लालच देकर लोगो को भुंजाते है ? राणा ने सोचा कि अच्छा अवसर है, कम खर्चे में विधायक बन जाऊंगा, वैसे भी चुनावी सर्वेक्षण भाजपा को सत्ता में आना नही बता रहे थे?, और चुनाव पूर्व लगभग सभी का अनुमान था कि दोनो नेताओ को बिलासपुर की जनता पसंद करती नही है तो क्यों न विधायक बनने की चुनावी दौड़ में शामिल हो लिया जाए ?

आखरी सवाल, सही समय पर,सही मंच पर, खुद महेंद्र प्रताप सिंह राणा के मुख से उन लोगो का खुलासा होना अभी बाकी है जो हिन्दू संगठनों में सक्रिय रहकर फोटो खिंचवाने वाले बिलासपुर में भाजपा प्रत्याशी की चुनावी हार देखना चाहते थे और अब सभी बाधाओं को पार कर सिकंदर बने भाजपा नेता के साथ फोटो खिंचवा कर भाजपा समर्थक होने का दावा करते है !,

उपरोक्त के अलावा, महेंद्र प्रताप सिंह राणा पहले भी भाजपा समर्थक थे और अब भी उनकी निष्ठा भाजपा के साथ है, मात्र हिंदू संगठनों के लोगो द्वारा विधायक बनाने का सपना दिखाने पर कुछ समय भ्रमित हो गए थे ? महेंद्र प्रताप सिंह राणा 2024 में केंद्र में भाजपा को सत्ता में लाने हेतु अपने संगठन “सिपाही” के सदस्यों के समर्थन का उपयोग भाजपा को विजयी बनाने में करेगा !

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