ये क्या पेटर्न डेवलप कर रही है पुलिस ?
बिलासपुर। शनिवार 27 जनवरी की शाम कोनी क्षेत्र के ग्रामीणों ने संरक्षण प्राप्त नशेड़ियों की गुंडागर्दी से त्रस्त होकर सैकड़ो की संख्या में कोनी थाने का घेराव कर दिया। दरअसल बीती शाम बड़ी कोनी गांव में चल रहे एक सामाजिक आयोजन में कुछ नशेड़ी असामाजिक तत्व घुस आए और गाली-गलौज कर उत्पात मचाने लगे। ऐसा न करने को कहने पर यह लोग धारदार हथियार लहरा कर लोगों को डराने धमकाने लगे।
विशेष उल्लेखनीय यह है कि जब तक ग्रामीणों की भीड़ थाने का घेराव नही करेगी आरोपियों पर कार्यवाही नही होगी?क्या कोई एक या दो पीड़ित लोग थाना जाते है तो कार्यवाही क्यों नही ? ग्राम भरारी में शिक्षक द्वारा बच्चो को हिंदू देवी देवताओं के प्रति दुर्भावना पूर्वक गलत धार्मिक शिक्षा देने के साथ साथ हिंदू देवताओं का अपमान करने पर भी जब तक मिडिया और हिन्दू संगठनों ने पुलिस पर दबाव नही बनाया तब तक आरोपी शिक्षक के विरुद्ध न FIR थी और न गिरफ्तारी ! रतनपुर में ब्राह्मण महिला के खिलाफ झूठी FIR में भी जब तक इतने सारे संगठनों ने धरना प्रदर्शन पुलिस की आलोचना नही की तब तक सुनवाई नहीं हुई ?,
पुलिस ये क्या पैटर्न तैयार कर रही है कि अब लोगो को FIR कराने के लिए भी भीड़ की शक्ल में या संगठनों के साथ आना पड़ा करेगा ? क्या यदि कोई इंडिविजुअल आयेगा तो कार्यवाही /सुनवाई नही होगी ?
ग्रामीणों ने बताया कि कोनी क्षेत्र में 8-10 नशेड़ियों का गैंग लंबे समय से सक्रिय है। रास्ते चलते लोगों से मारपीट करना, धमकाना, पैसे छीन लेना, छेड़छाड़ करना आदि इनका आए दिन का काम है। कई बार कोनी थाने में इनकी शिकायत भी हुई है लेकिन पुलिस कभी कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं करती। पुलिस की इस अनदेखी का कारण पूछने पर ग्रामीणों ने थोड़ा डरते हुए, पहचान उजागर न करने की शर्त पर बताया कि इन उत्पत्ति नशेड़ियों को कोनी क्षेत्र के एक चर्चित कांग्रेसी नेता का संरक्षण प्राप्त है।
थाने में हथियार लेकर घुस आया एक नशेड़ी
थाने पहुंचे ग्रामीणों ने बताया कि कोनी क्षेत्र के कांग्रेसी नेता के संरक्षण के कारण इन नशेड़ी गुंडो की हिम्मत इतनी बढ़ गई है कि इनमें से एक हथियार लेकर पुलिस के सामने ही कोनी थाने में घुस आया और शिकायतकर्ता ग्रामीण पर हमला करने की कोशिश करने लगा। भीड़ ने जैसे तैसे पकड़ा और पुलिस के हवाले किया।
कई घंटे तक थाने में चलाता रहा हंगामा
शिकायतकर्ता ग्रामीणों ने बताया कि वे शाम लगभग 5:00 बजे ही थाने आ गए थे लेकिन कोनी क्षेत्र के चर्चित कांग्रेसी नेता की दखल के कारण कई घंटे तक उनकी FIR नहीं लिखी गई। देर रात लगभग 11:00 बजे तक कोनी थाने में ग्रामीणों की भीड़ जुटी रही और नारेबाजी के साथ हंगामा चलता रहा।
एक तरफ अदालतें पुलिस और स्थानीय प्रशासन की निष्क्रियता पर स्वत: संज्ञान ले रही है, सिम्स मामला,रेलवे मामला,बिलासपुर पुलिस के सिविल लाइंस थाने के CSP K को भी बिलासपुर हाईकोर्ट से कड़ी फटकार पड़ी है फिर भी पुलिस है कि सुधारने का नाम नहीं ले रही है ? देश की विभिन्न हाईकोर्ट की ऑनलाइन सुनवाई को देखेगे तो DM /SP ने 107/116 तथा सुप्रीम कोर्ट से अर्णव मामले जैसे प्रकरणों के CIATATION और पुलिस के लिए गाइडलाइंस तक नही पढ़ी है ? क्या होगा ?कैसा होगा,व्यवस्था परिवर्तन जब सुधरने की इच्छा है ही नही ?
