IMA बिलासपुर चुप क्यों ?
बिलासपुर : जब शहर के डॉक्टरों के साथ जनता द्वारा किसी मामले में आक्रोशित होकर, किसी हॉस्पिटल या डॉक्टर के खिलाफ अभद्रता या मारपीट करती है तो IMA संबंधित डॉक्टर /हॉस्पिटल के बचाव में तुरंत मैदान में आ जाती है ? लेकिन जब किसी मरीज, जो व्यवसायिक दृष्टि से उपभोक्ता भी है, से कोई डॉक्टर अनुचित व्यवहार करता है मेडिकल प्रोफेशन के विरुद्ध, संस्कारो के विरुद्ध, गलत आचरण करता है तो IMA को सांप क्यों सूंघ जाता है ? क्या IMA केवल डॉक्टरों और हॉस्पिटल के पक्ष में खड़ी होती है, तो फिर सामाजिक एवम व्यवसायिक संतुलन बनेगा कैसे ? डॉक्टर /मेडिकल व्यवसाय का अतीत दर्शन करेगे तो पाएंगे कि लोग डॉक्टर को भगवान का दर्जा देते थे लेकिन,लगातार व्यवसायिक कदाचरण ने डॉक्टरों से यह दर्जा छीन लिया है, यदि किसी वर्ग विशेष के व्यवसाय में, मेडिकल प्रोफेशन के प्रति लोगो का नजरिया बदला है तो इसके लिए देशभर के तमाम मेडिकल प्रोफेशनल को आत्म मंथन करने की जरूरत है कि लोगो का डॉक्टरों के प्रति सम्मान का नजरिया क्यों बदला ? IMA हो या कोई और व्यवसायिक संगठन ?समय के साथ ये ऐसे समूह विकसित हुए जो अपनी मनमानी को सही ठहराने मात्र के लिए संगठित होने का समूह कहे तो अधिक उचित होगा ?
उदाहरण के लिए आईएएस संघ, तहसीलदार संघ,पटवारी संघ, शासकीय कर्मचारी संघ, और न जाने कितने संघ है ये तमाम संगठनों के लोग तभी एक्टिव होते है जब कोई इनके आचरण,दुर्व्यवहार से दुखी व्यक्ति इनका सामना करता है ? लेकिन जब इन्ही सघो के लोग जनता के साथ दुर्व्यवहार करते है जनता को तंग करते है जनता से अवैध वसूली करते है, जनता से घुस लेते है, जनता के शासकीय सेवक होने के बाद भी लोगो का काम नही करते,कामचोर होते है या नमक हराम होते है तो कोई संगठन इनके लिए कोई पत्र जारी नही करता है कि ऐसा मत कीजिए !
IMA बयान जारी करे कि,
प्रथम हॉस्पिटल के डॉक्टर रजनीश पांडे द्वारा सीएसपीडीसीएल कर्मचारी कोमल प्रसाद देवांगन के साथ बहुत ज्यादा अभद्रता पूर्वक बातचीत करते हुए गाली-गलौज किया गया एवं धमकी दी गई इस डॉक्टर की ओर प्रथम हॉस्पिटल की भर्त्सना /निंदा करती है या समर्थन करती है ?IMA बयान जारी कर जनता को बताए ?
बिलासपुर की जनता, IMA से यह भी अपेक्षा करती है कि IMA अपने सदस्यों को उचित व्यवहार,आचरण के बारे में निर्देशित करे कि दुःखी अवस्था में मरीज रूपी जनता उनके पास जाती है तो उन्हें किन प्रोटोकाल और व्यवहार का पालन करना है ? डॉक्टर रजनीश पांडे की मोबाइल कॉल की रिकार्डिंग जो सोशल मीडिया पर वायरल है सुनकर ऐसा प्रतीत होता है कि डॉक्टर के वेश में एक गुंडा हॉस्पिटल का संचालन कर रहा है ?
मेडिकल प्रोफेशन को ध्यान में रखते हुए प्रथम हॉस्पिटल के डॉक्टर रजनीश पांडे द्वारा सीएसपीडीसीएल के कर्मचारी से जो बातचीत की गई वो रजनीश पांडे के संस्कार प्रदर्शित करने के साथ साथ मेडिकल प्रोफेशन के अनुरूप बिलकुल नही कहा जा सकता है ! ग्राहक /मरीज ने भुगतान किए गए बिल को डॉक्टर द्वारा हस्ताक्षरित कर/ लिखकर ही तो मांगा है ? हम डॉक्टर रजनीश पांडे के उक्त कृत्य की निंदा करते है ! यदि डॉक्टर रजनीश पांडे निजी रूप से खेद व्यक्त नही करते है तो जनता को प्रथम हॉस्पिटल में इलाज कराने से पहले कई बार सोचना चाहिए ! वायरल आडियो की हम पुष्टि नहीं करते है, सत्यता की जांच पुलिस और दोनो पक्षों के बयानों से मिडिया में आकर अधिकृत बयान करने से होगा ?
