गणपति इंस्फ्रेटेकचर के GM द्वारा रंगे हाथ चोरों को पकड़ने के वावजूद FIR दर्ज न करा, चोरों को माफ करने की पैरवी क्यों की ?
कंपनी के GM द्वारा चोरी की रिपोर्ट दर्ज नही कराना, क्या कहता है ?
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चोरों को रंगे हाथो पकड़े जाने पर भी छोड़ देना क्या कहता है ?
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जिस आटो में चोरी का सामान हो रहा था लोड ? उस आटो मालिक द्वारा थाने में की गई शिकायत पर , गणपति इंस्फ्राटक्चर के GM दुबे जी ने क्यों लिख कर दिया कि कोई कार्यवाही न की जाए !
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घटना इस प्रकार है, दिनांक 16/07/24 को तिलक नगर राम मंदिर के पास स्थित बिलासपुर स्मार्ट सिटी की ठेकेदारी फर्म गणपति इंफ्राटेक्चर के गोदाम में दिन दहाड़े लगभग दिन में एक बजे कथित चोरों द्वारा कंपनी का लोहे का सामान छड़,इत्यादि भरते हुए रंगों हाथ पकड़े गए, जिस मालवाहक आटो में पकड़े गए उक्त आटो के मालिक द्वारा एक लिखित शिकायत
थाना सिविल लाइंस में दिया गया कि उनके आटो में चोरी का सामान लोड होने की जानकारी पर बिलासपुर स्मार्ट सिटी के अधिकारी दुबे द्वारा उनका आटो जबरन रोक लिया गया है,वही कुछ ही घंटो बाद आटो मालिक की शिकायत प्रतिलिपि पर बिलासपुर स्मार्ट सिटी के ठेकेदार कंपनी के जीएम दुबे जी खुद ही लिखकर देते है कि आटो वाले के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की जाए, चूंकि, चोर नाबालिक थे इसलिए उनको माफ कर दिया, क्या ऐसा होता है ?क्या इसलिए कंपनी ने दुबे को GM बनाया है ?
