नाम सिद्धि विनायक,कर्म ?कलयुगी !

बिलासपुर: रेरा की स्थापना के बाद भी उपभोक्ताओं की परेशानियां कम होती नजर नहीं आ रही है। दूसरी ओर बिल्डरों द्वारा उपभोक्ताओं के साथ छल,धोखाधड़ी जारी है !
अभी शहर में तार बहार निवासी बिल्डर राजेश सेठ द्वारा दसियों लोगो के साथ धोखाधड़ी का मामला शांत भी नही हुआ है कि पीड़ित वीर कुमार जैन,मनीष सहित सिद्धि विनायक बिल्डर्स द्वारा धोखाधड़ी के अन्य शिकार सोबित,सुयश दांडेकर,अमित कुमार अरोरा ने पत्रकारों को बताया कि राजकिशोर नगर में श्री सिद्धीविनायक अपार्टमेंट है,जहाँ श्री सिद्धीविनायक बिल्डकॉन, पार्टनरशिप फर्म के (1) संजय सुल्तानिया, पिता स्व. ओ.पी. सुल्तानिया, मीनाक्षी इन्टरप्राइजेस, तिफरा ओम रानी कुटी,रोहणी विहार, बिलासपुर (छ.ग.) (2) श्रीमती रूचि अग्रवाल, पति स्व विजय अग्रवाल, पार्क के सामने, क्रांति नगर, बिलासपुर (छ.ग.) द्वारा सन् 2017 में सिद्धीविनायक हाईट्स के नाम से 42 फ्लैट का निर्माण कार्य राजकिशोर नगर ओम गार्डन के पीछे प्रारंभ कराया गया।उपभोक्ताओं से लिखित एग्रीमेंट करके वादा किया गया कि 2 वर्ष में सभी सुविआओं के साथ उपभोक्ताओं को फ्लैट हेन्डओवर कर दिया जाएगा। जिसमें 2 लिफ्ट, गार्डन, मंदिर, बाउड्रीवाल,ट्रांसफार्मर आदि का उल्लेख प्रिन्टेड ब्राउसर में सभी उपभोक्ताओं को उपलब्ध कराया गया। किन्तु वर्षो बाद आज तक न ही,उपभोक्ताओं को फ्लैट सौंपा गया और न ही साईट पर कार्य कराया जा रहा है।
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थक हारकर 10 उपभोक्ताओं ने वकील के माध्यम से (रेरा) में एक केश फाइल किया था। जिस पर कोर्ट ने अपना आदेश 21 जून को सुनाया। कोर्ट ने दोनो पार्टनर को यह आदेश दिया कि 3 माह के भीतर सभी उपभोक्ताओं को फ्लैट दिए जाएं अथवा ब्याज सहित उपभोक्ताओं की राशि वापस की जाए। पत्रकारों से चर्चा करते हुए सिद्धीविनायक अपार्टमेंट संघ समिती के सदस्यों का कहना है कि वे रेरा के आदेश से सन्तुष्ट नहीं है। उन्होंने फ्लैट खरीदने के लिए रुपए दिये थे न कि ब्याज सहित पैसे वापस लेने के लिए। अतः हमे शीघ्र से शीघ्र फ्लैट ही चाहिए। अगर बिल्डर्स द्वारा फ्लेट नहीं दिए जाते है तो संघर्ष समिति उग्र आंदोलन के लिए बाध्य हो जाएगी। उन्होंने बताया कि श्री सिद्धी विनायक बिल्डकान रेरा में पंजीकृत नहीं है। बिल्डर्स पर रेरा द्वारा जुर्माना लगाने की कार्यवाही भी की जा सकती है। उन्होंने जिला और राजस्व प्रशासन से इस मामले में ध्यान देने की अपील की है।पत्रकार वार्ता के दौरान अजय कुमार नाथ,मुकेश अरोरा,त्रिपेन दत्ता, रंजीत दास,अब्दुल रज्जाक,शेख बख्तावर सहित अन्य पीड़ित उपभोक्ता मौजूद रहे।
बड़ा सवाल: क्या तथाकथित बड़े धनाढ्य लोग,इसी तरह लोगो का पैसा खाकर,नियत खराब कर अमीर बने है !
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क्या बिलासपुर में एकाध अति दुर्लभ ईमानदार बिल्डर्स के अलावा सब ठगो की गैंग है ?
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हिंदुओ के धार्मिक देवताओं,महापुरुषों के नामो के अनुरूप नाम रखकर, इतने गंदे,घटिया कर्म और आचरण करते है सफेदपोश लोग
कई साल पहले
मंगला में भगवान महावीर के नाम पर अपार्टमेंट का नाम “महावीर अपार्टमेंट” रखा गया था, उस अपार्टमेंट में भी लोग फ्लैट्स खरीदकर पछता रहे है,बिल्डर मनोज जैन उक्त अपार्टमेंट्स में लिफ्ट लगाए बिना ही बिल्डिंग की काफी सारी फिनिशिंग वर्क अधूरा छोड़कर कई साल बिलासपुर से गायब रहा था,ठीक इसी तर्ज पर तारबहार निवासी बिल्डर राजेश सेठ ने भी सरकारी भूमि पर बनी,बिना नक्शा पास कराए अवैध निर्माण,पूर्व से बैंक आफ बड़ौदा में गिरवी संपति को फर्जी नक्शा के आधार पर लोगो को बेचकर फंसा दिया ! उन्होंने भी अपनी उक्त अवैध बिल्डिंग का नाम “विनायका हाइट्स” ही रखा है, ऐसे बिल्डरों के पास
लोग जब फ्लैट्स खरीदने जाते है तो ये सफेदपोश ठग धार्मिक ढोंग कर भी लोगो को भावनात्मक रूप से फांसते है !
पुलिस की सख्त कार्यवाही के अभाव में ऐसे लोगो के हौंसले बुलंद है ! और जनता को ठगने का सिलसिला बदसूरत जारी है ! जबकि ये सीधे सीधे ठगी के,विश्वासघात के मामले है, ऐसे लोगो के खिलाफ तुरंत FIR दर्ज होकर जेल भिजवाना चाहिए !

