क्या छत्तीसगढ़ी ब्राह्मण समाज का हुआ कांग्रेसीकरण?

छत्तीसगढ़ी ब्राह्मण समाज का हुआ कांग्रेसीकरण?
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बिलासपुर : सामाजिक स्थितियों /व्यवस्थाओं को राजनीति करण ने इस कदर प्रभावित किया है कि
अब समाज के किसी व्यक्ति की
राजनीतिक दलों के प्रति निजी
पसंद के कोई मायने रह नही गए, ऐसा दिखाने का प्रयास किया जा रहा है ? कि समाज के सफेदपोश ही सर्वेसर्वा होंगे ?यदि चल पड़ी यह परिपाटी और समाज के लोग इन सफेदपोशो को अपना आइडल मानकर करने लगे अनुसरण तो फिर मत कहना कि राजनीतिक पार्टियां जातिवाद की राजनीति करती है ?
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सत्ता से सवाल को सूत्रों से मिली जानकारी बताती है कि
प्रदीप शुक्ला कुछ ही दिन पहले कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण किए है, और अब बिलासपुर में सामाजिक भवन के भूमि पूजन की आड़ में ऐसा दिखाने का प्रयास कि संपूर्ण छत्तीसगढ़िया ब्राह्मण समाज का कांग्रेसी है ?
हम किसी एक समाज विशेष की बात न भी करे तो भी सामाजिक व्यवस्था का राजनीतिकरण वर्तमान और भावी पीढ़ी के लिए ठीक नहीं है,सामाजिक संस्थाओं को जमीनें तो पहले भी आवंटित होती रही है, सामाजिक भवनों को मुक्त सरकारी जमीनों के साथ साथ बनाने के लिए आर्थिक सहायता भी अतीत में राजनीतिक दलों द्वारा दी जाती है लेकिन जिस तरह से बिलासपुर में
सामाजिक व्यवस्था का राजनीतिक करने के प्रयास चल रहे है,इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ !
कान्यकुब्ज,सरयूपारी,मारवाड़ी ब्राह्मणों में बंटने और बांटने का यह सिलसिला वर्तमान परिस्थितियों में रोकने की जरूरत है !

वर्जन: श्री नारायण तिवारी जी ( पूर्व श्रम कल्याण बोर्ड अध्यक्ष एवम केबिनेट मंत्री रेंक का दर्जा प्राप्त ) ने सामाजिक कार्यक्रम का राजनीतिकरण करने ओर वरिष्ठ जनों की उपेक्षा पर कड़ी आपत्ति करते हुए नाराजगी व्यक्त की है !
सत्ता से सवाल
द्वारा प्रदीप शुक्ला से सवाल :
मुख्यमंत्री के पिता द्वारा ब्राह्मणों का किया गया अपमान क्या 2 एकड़ जमीन से किए गए अपमान की क्षतिपूर्ति होगी ?
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बिलासपुर में छत्तीसगढ़ी ब्राह्मण समाज के वरिष्ठ लोगो को उक्त कार्यक्रम में स्थान न देकर सामाजिक रोष व्याप्त है! इस सामाजिक नाराजगी से केसे निपटेगी प्रदीप शुक्ला की राजनीति ?