सुनो,देशभर के अफसरशाही,अब करना सत्ता की दलाली?मोदी छोड़ेगा नही?

बिलासपुर : देश के महाशुर /अनुभवी पत्रकार PP वाजपेई के अनुसार कल सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को यह अनुमति दे दी है कि देश भर में कही भी किसी भी सरकार के IAS/IPS/DM को 2014 के पहले के भी किसी भी मामले में गिरफ्तार किया जा सकता है, FIR दर्ज की जा सकती है,कार्यवाही की जा सकती है,किसी अनुमति की जरूरत नही है, ध्यान दीजिए यह कहा है कि 2014 के पहले के मामले में भी ? सुप्रीम कोर्ट ने यह नही कहा है कि 1947 से नही ? अब केंद्र की मोदी सरकार चाहे तो नेहरू और गांधी के जमाने के जमीन मे दफन भ्रष्टाचार के मामले भी गढ्ढे खोदकर निकाल सकती है ? हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने संयुक्त सचिव या इसके ऊपर के रेंक की अफसरशाही के लिए ये आदेश दिए है लेकिन जद में तो कलेक्टर,DM भी आयेगे, क्योंकि स्थानीय स्तर पर वसूली तो ये ही लोग करते और करवाते है ? DMF राशि की बंदरबांट तो ये ही जिले में पदस्थ अधिकारी करवाते है ? अब करना रतनजोत जेसी बकवास योजनाओं पर सरकारी धन की बंदरबांट?अब करना शराब नीति के नाम पर सत्ता की दलाली ? छत्तीसगढ़ में जिस तरह सत्ता की दलाली करने वाली अफसरशाही गिड़गिड़ा रही है सत्ता के सामने, कि बचा लो सीएम साहब, हो सकती है कभी भी गिरफ्तारी ? तो क्यों करना था सत्ता की दलाली ? साहब,

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पुण्य प्रसून बाजपेई जी का आज दिनांक 12/09/2023 का,

https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=pfbid02qFqUcbBFEfWZsoKEvBvQrKSPLwKMtFrgej7kMd57E9fLxARv2T54JUsu3TECSRhpl&id=100055135610135&mibextid=Nif5oz

यदि मोदी जी ने सही में सख्त कार्यवाही करना शुरू कर दिया तो अब लोग सरकारी बाबू या चपरासी बनना तो पसंद करेगे लेकिन IAS IPS DM कभी नही, और बनेंगे तो ये सोचकर बनेंगे कि असली वाला जनसेवक बनना है, ओर वो कोई है नहीं ?

जानकारों का अनुमान है कि यदि बीजेपी 2024 में फिर से सत्ता में आती है देशभर की भरष्टाचार वाली अफसरशाही लॉबी में भी बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे, अभी तक राज्यो सरकारों के सचिव /सा संयुक्त सचिव स्तर की अफसरशाही यही सोचते रहे है कि उनका कोई क्या बिगड़ेगा ?

सुप्रीम कोर्ट के फैसले से देशभर की भ्रष्ट अफसरशाही में बैचेनी होना स्वाभाविक है क्योंकि अभी तक IT कानून किसी भी चल,अचल,बेनामी,संपति की जांच 6साल से अधिक पुरानी अर्जित संपत्ति पर नही कर सकता था,लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अब स्पष्ट कर दिया है कि 2014 से पहले के मामलो में भी जांच कार्यवाही सहित गिरफ्तारी में भी किसी अनुमति की जरूरत नही है ?

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