राहुल गांधी से पूछ रहा है देश, पहलगांव में आतंकियों ने,क्यों नहीं पूछी जाति ?

राहुल गांधी देशभर में जाति जनगणना की बात करते है ये उनकी पार्टी का राजनीतिक कारण या व्यक्तिगत कारण हो सकता है ? लेकिन, देश को जातियों में बांटना देश को विभाजित करने जैसा है ? यदि कांग्रेस या राहुल गांधी का सोशल मीडिया गिरोह सोशल मीडिया मंचो पर वायरल जानावाज का अध्यन करेंगे तो पाएंगे कि, देश का जनमानस राहुल गांधी से पूछ रहा है कि पहलगांव (कश्मीर) में सैलानियों / पर्यटकों पर हुए इस्लामिक आतंकवादी हमले में मारे गए 27 लोगों में से किसी भी जाति नहीं पूछी गई, बल्कि धर्म पूछा गया है ? ओर कांग्रेस सहित राहुल गांधी भी आतंकियों के उसी धर्म का समर्थन करते है !
भाजपा, जातिवाद विहीन व्यवस्था की ओर अग्रसर है, तो कांग्रेस सहित राहुल गांधी परिवार देश को जातियों में विभाजित कर राजनीति करना चाहता है ?अब तो लोग यह भी कहने लगे कि, राहुल गांधी को खुद की जाति का पता नहीं, दूसरों की जाति पूछते फिरते है ?
पुराने जमाने में एक कहावत होती थी ?
दादी गोबर बिन बिन कर जुगाड करती है ओर पोता बिटोडा भी न बक्शे ?अर्थात इंदिरा गांधी भारतीय डाक विभाग के पोस्टकार्ड पर छपवाती थी,
“Untouchability is crime against GOD AND MEN”
ये जातिवाद विहीन व्यवस्था की ओर अग्रसर संदेश हुआ करता था, ओर पोता अब जातिबाद की जाति जनगणना की बात करता है ? क्या एक पीढ़ी में परिवारिक संस्कार बदल गए ?