इस तस्वीर ने झंकोर दिया,”एक के बदले दस” के नारों के गूंज उठा बिलासपुर”

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कश्मीर के पहलगांव में 27 पर्यटकों /सैलानियों की, हमास की तर्ज पर निर्मम हत्या से उपजी जो तस्वीर सोशल मीडिया मंचो पर वायरल हुई है, उसने देश के हिंदुओ की आँखें खोलकर झंकोर दिया है, गहरी नींद में सोए हुए हिंदुओ को फिर से जगा दिया है ! जब जब कश्मीर में हिंदुओ की हत्या का दौर चला, सोशल मीडिया मंचो पर कुछ दिनों तक कश्मीर यात्रा का बहिष्कार किया तो तत्कालीन सत्ताधारी शेख अब्दुल्ला को भी बोलने का लहजा अपना बदलना पड़ा था कि, हमारे पूर्वज भी हिन्दू थे, इस मीठी गोली का अहसास हिंदुओ को कराया गया, क्योंकि शेख अब्दुल्ला जानता है कि कश्मीर के लोगो की आय का जरिया एकमात्र सेक्यूलर हिन्दू है, लेकिन हिंदुओ को अपनी नई पुरानी बीबी कश्मीर की वादियों में ही जन्नत की हूर नजर आती है तो कोई क्या करे, इन हिंदुओ के सामने बहिष्कार जैसे आवाहन मात्र शब्द बनकर रह जाते है !
अभी जिन 27 निर्दोष हिन्दू पर्यटकों की निर्मम हत्या इस्लामिक आतंकवाद ने किया है ! ये लोग तो मुस्लिमो को रोजगार देने गए थे,ये तो भाईचारा निभाना गए थे, ये तो अपने ही भारत के नव कश्मीर को देखने गए थे, ये मुस्लिमो के PAID मेहमान बनकर गए थे, इन्होंने न इस्लामिक आतंकियों का कुछ बिगाड़ा था, ओर न कश्मीर के स्थानीय नागरिकों को कोई क्षति पहुंचाई थी, ये तो प्रत्येक पर्यटक एकाध लाख की जीडीपी कश्मीर को देने गए थे, ये तो कश्मीरियों की आय का साधन बनने गए थे !
बिलासपुर में आज हिंदुओ के विरोध का स्तर इतना गुस्से वाला रहा कि बिलासपुर का सर्व हिन्दू समुदाय “एक के बदले दस” की मांग से गूंज उठा बिलासपुर !
हिन्दू समुदाय की सोच अब बदलने लगी है,इस्लामिक भाईचारा पर भरोसा अब रहा नहीं, एक ही चर्चा रहती है अब, कि मुस्लिमो पर भरोसा करने का मतलब धोखा मिलने की गारंटी है ! कश्मीर से कश्मीरी मुसलमानों की भी तो यही आवाज उठी थी न ?हिंदुओ आओ, कश्मीर की वादियों में कश्मीरी, हिन्दू पर्यटकों का स्वागत करेगा ! ये स्वागत किया ? फिर पूछ रहे है सवाल हिंदू , हत्यारा है कौन ? क्या कोई गैर इस्लामिक /गैर मुस्लिम है इन 27 हिंदुओ का हत्यारा ?
अब शायद वो ही हिन्दू कश्मीर जायेगा जिनको,इस्लामिक जगत वाली जन्नत देखनी होगी, जिनको इस्लाम वाली जन्नत में जाना होगा ?