सिंधी समुदाय पर केंद्र के फरमान का असर !

पहलगांव (कश्मीर) में धर्म पूछ पूछकर, 27 टूरिस्ट हिंदुओ की हत्या के मद्देनजर केंद्र सरकार ने पाकिस्तानियों के विरुद्ध जनाक्रोश को देखते हुए सभी राज्यों में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटों में देश छोड़ने का फरमान जारी किया है ! छत्तीसगढ़ रायपुर में पाकिस्तानी नागरिकता लिए लगभग 1600 सिंधी परिवार बताए जा रहे है !, 1947 की भूल को सुधारते हुए सिंधी समुदाय के ये लोग न तो मूल रूप से पाकिस्तानी थे और न पाकिस्तानी है, विशुद्ध रूप से हिन्दू समुदाय है ! इसलिए केंद्र सरकार द्वारा जारी निर्देशों में सुधार की जरूरत है, ! इस समुदाय के वंशज और आराध्य झूलेलाल का इस्लाम से दूर दूर तक कोई लेना देना नहीं है ! भारत में रह रहा सिंधी समुदाय कभी भी इस्लाम का जिहादियों का समर्थन नहीं करता है ! देश के गृहमंत्री अमित शाह या मोदी की पदीय गरिमा इजाजत नहीं देती कि पाकिस्तानी पासपोर्ट धारक सिंधी समुदाय के लिए अलग से कोई निर्देश जारी करे ! लेकिन, छत्तीसगढ़ प्रदेश के राजनीतिक नेतृत्व को समझना होगा कि केंद्र की गाइड लाइंस के अर्थ क्या है ? यदि वर्षों से रह रहे ओर भारतीय नागरिकता की आशा में सिंधी समुदाय के लोगो को जबरन पाकिस्तान भेजा गया तो पाकिस्तान में इन पर जुल्मों सितम ओर अमानवीय व्यवहार की गारंटी है ! इसलिए छत्तीसगढ़ सरकार के राजनीतिक नेतृत्व को गंभीरता एवं उदारता से विचार कर सिंधी समुदाय के लोगों को निर्वासित न होना पड़े इसके लिए विचार करना चाहिए !
सिंधी समुदाय कभी भी किसी भी आतंकवादी,देश विरोधी गतिविधि में लिप्त नहीं रहा ! यह समुदाय पार्टिशन से पहले भी व्यवसाई समुदाय था और आज भी एकाग्रता के साथ अपना व्यवसाय कर जीवन यापन करता है !
भले ही भारत में रह रहे सिंधी समुदाय के कुछ लोगों के पास पाकिस्तानी पासपोर्ट है लेकिन भारत की उस विदेश नीति का हिस्सा है, जिसमें कहा गया है कि पाकिस्तान में रह रहे अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता दी जाएगी ! इसलिए भी सिंधी समुदाय के लोगों को भारत में रहने का हक है ! मोदी सरकार के पाकिस्तानियों को भारत से डिपोर्ट करने का मूल उद्देश्य आतंकवाद है ! भारत में स्थित आतंकवादियों की स्लीपर सेल का सफाया है ,जिससे सिंधी समुदाय का कोई लेना देना नहीं है !