ठगी के शिकार अग्रवाल समाज के लोगो का दर्द !

बिलासपुर ;
सरकारी स्तर पर विज्ञापनों के माध्यम से मोबाइल कंपनियों की रिंग टोन के माध्यम से देशभर के पुलिस प्रशासन द्वारा ओर सोशल मीडिया मंचों पर ऑनलाइन ठगी के धुंआधार प्रचार के बाद भी यदि लोग ऑनलाइन ठगी के शिकार होते हैं तो हमें यह लिखने में कोई संकोच नहीं है कि, ऑनलाइन ठगी का शिकार होने वाले लोग कम दिमाग वाले हैं?
अग्रवाल समाज ने कुछ अज्ञात मोबाइल नंबरों से अग्रवाल समाज के लोगो के पास सामाजिक मदद के नाम पर आने वाली कॉलर के मोबाइल नंबरों सहित साइबर सेल बिलासपुर में लिखित शिकायत अग्रवाल समाज द्वारा की गई है, तथा अग्रवाल समाज के लोगो द्वारा सामाजिक सेवा के नाम पर किए गए ऑनलाइन भुगतान की कुछ रसीदें भी शिकायत के साथ प्रस्तुत की है !
कथित “समीर खान” अग्रवाल समाज के लोगो की मदद करने वाला समाज सेवक कब से हो गया ?दान दाता अग्रवाल समाज के लोगो को किसी भी प्रकार की सामाजिक मदद करने से पहले कॉलर द्वारा भेजे गए UPI ID मे डिस्पले होने वाला नाम तो देखना चाहिए कि मदद मांगने वाला व्यक्ति अग्रवाल है या नहीं ?जबकि,अपनी लिखित शिकायत के साथ भुगतान के स्क्रीन शॉट के प्रिंट आउट में स्पष्ट दर्शित है “समीर खान” अग्रवाल समाज के कथित दानदाताओं को भुगतान करने से पहले इतना तो सोचना चाहिए कि कोई “समीर खान” अग्रवाल समाज के लोगो का सामाजिक हितैषी या समाजसेवक कैसे हो गया ?
ऑनलाइन ठगी के सरकारी स्तर पर रिंग टोन के माध्यम से तथा सोशल मीडिया मंचों पर अत्यधिक प्रचार के बाद भी लोग या तो जानबूझकर लापरवाह है या कम अक्ल वाले है, ओर ठगी होने के बाद ही सारी अक्ल वापिस आती है ?
क्यू यह माना जाए कि, भौतिक सत्यापन से अपने समाज के वास्तविक जरूरतमंद लोगों की मदद के बजाय ऑनलाइन ठगी का शिकार होना मंजूर है ?
2500 रु की रसीद में भुगतान प्राप्तकर्ता का नाम स्पष्ट रूप से अंकित है “समीर खान”


