सनातन रक्षक धर्म योद्धा जियो हजारों साल !
बिलासपुर निवासी श्री ललित मखीजा जी को किसी परिचय की जरूरत नहीं ! इनका पहनावा, इनका धर्म परायण होना, धार्मिक,दयावान, जीवनशैली ही इनका परिचय है !
आज दिनांक 03/10/2025 को ललित मखीजा के जन्मोत्सव पर हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए हम अपने आराध्य देवों से प्रार्थना करते है कि,आदरणीय ललित का समस्त भावी जीवन सुख,समृद्धि,सम्पन्नता सहित यशस्वी ओर दीर्घायु पूर्ण व्यतीत होगा !
“मेहनत करे मुर्गा,अंडा खाए फकीर”
आधारित इनकी जीवनशैली ने जरूरतमंद लोगों द्वारा सुआशीर्वाद से इनके पुण्य के अनगिनत झोले भरे है !
सेठ किरोड़ीमल की तरह “सेठ” की सामाजिक सम्मान की उपाधि के लिए “ललित माखीजा” उपयुक्त पात्रता रखते है !
सेठ जैसी सामाजिक सम्मान की उपाधि के लिए सिर्फ,धनी होना काफी नहीं है ! इसके लिए “मेहनत करे मुर्गा,अंडा खाए फकीर”आधारित
ललित मखीजा जैसी जीवनशैली आवश्यक है !
देश की युवा पीढ़ी को बताना चाहेंगे, कि,सेठ रूपी सामाजिक सम्मान की इस उपाधि के लिए जाति धर्म,समुदाय की कोई बंदिश या शर्ते नहीं होती है, देश विदेश में एक से बढ़कर एक धनी लोग है,फिर भी सेठ की उपाधि के लिए पात्रता नहीं रखते है, क्योंकि, ये सम्मान राजनीतिक नहीं, खरीदा भी नहीं जा सकता है, ये सम्मान सामाजिक व्यवस्था में आपकी उदारता, दयावान व्यवहार, दिन दुखियों का मदद से अपने आप मिलता है ! सोचिए, टाटा /बिरला जैसे लोगों भी इस सेठ रूपी उपाधि से वंचित है, क्योंकि ये लोग जहां भी दान पुण्य करते है या तो किसी कानूनी मजबूरी के तहत या प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप में स्वार्थ छिपा होता है ! बिना किसी वापसी की अपेक्षा से, लोगों की भलाई करने वाले लोग ही इस सामाजिक सम्मान रूपी उपाधि के वास्तविक हकदार होते है ! तभी तो भारत में कुछ दुर्लभ, गिने चुने लोगों को ही इस उपाधि से सुशोभित किया गया है जिनमें अग्रणी नाम सेठ किरोड़ीमल का है ! जिनके नाम किरोड़ीमल के साथ समाज के बहुतायत लोगो ने इस सामाजिक सम्मान की उपाधि दी !
