बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में “आखिल भारतीय जनसंघ पार्टी” चुनाव में उतरी?

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में “आखिल भारतीय जनसंघ पार्टी” चुनाव में उतरी?

आखिल भारतीय जनसंघ पार्टी ने 1989 में एक राजनीतिक पार्टी के रूप में ECI से पंजीयन कराया था, विशेष उल्लेखनीय यह है कि, क्या बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी के हिन्दू  वोट कटवा पार्टी के लिए कोई लक्ष्य विशेष के साथ अखिल भारतीय जनसंघ पार्टी बिहार विधानसभा चुनाव मैदान में है या फिर तोड़ी  का खेल है जो अक्सर राजनीति में खेला जाता है ?

उक्त पार्टी में चुनाव आयोग से आगामी विधासभा बिहार चुनाव 2025 के लिए पूरे राज्य में चुनाव लड़ने हेतु एक समान चुनाव चिन्ह आवंटन हेतु आवेदन दिया था जिसे चुनाव आयोग ने इनकी मांग को इस आधार पर रिजेक्ट कर दिया कि पार्टी में अंदरूनी विवाद है, पार्टी ने चुनाव आयोग के आदेश के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया तो दिल्ली हाईकोर्ट ने अब चुनाव आयोग को पूरे बिहार चुनाव में आखिल भारतीय जनसंघ पार्टी हेतु सभी सीटों पर एक समान चुनाव चिन्ह आवंटन करने का निर्देश चुनाव आयोग को दिया है, यदि चुनाव आयोग दिल्ली हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील नहीं करता है तो दिल्ली हाईकोर्ट का आदेश अंतिम मानकर चुनाव आयोग को चुनाव चिन्ह आवंटन करना होगा?

क्या आखिल भारतीय जनसंघ पार्टी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में सभी सीटों पर चुनाव लड़ने हेतु गंभीर है ? या मात्र बीजेपी के लिए वोट कटवा पार्टी साबित होगी ?इंतजार कीजिए !

Delhi High Court orders ECI to allot common symbol to Akhil Bharatiya Jan Sangh for Bihar elections | https://www.barandbench.com/news/delhi-high-court-orders-eci-to-allot-common-symbol-to-akhil-bharatiya-jan-sangh-for-bihar-elections

अखिल भारतीय जनसंघ भारत का एक पुराना राजनैतिक दल है, पहले इसका नाम भारतीय जनसंघ था। इस दल का स्थापना २१ अक्टूबर १९५१ को दिल्ली में की गयी थी। इसके तीन संस्थापक सदस्य थे- श्यामा प्रसाद मुखर्जी, प्रोफेसर बलराज मधोक और दीनदयाल उपाध्याय। इस पार्टी का चुनाव चिह्न दीपक था। इसने १९५२ के संसदीय चुनाव में ३ सीटें प्राप्त की थी जिसमे डाक्टर मुखर्जी स्वयं भी शामिल थे।

अखिल भारतीय जनसंघ
गठन
२१ अक्टूबर १९५१[1]
विचारधारा
हिन्दू राष्ट्रवाद[2]
हिन्दुत्व[3]
एकात्म मानववाद[4]
राष्ट्रीय संरक्षणवाद[5]
आर्थिक राष्ट्रवाद[6]
रंग
  भगवा रंग (केसरिया)
भारत की राजनीति
राजनैतिक दल
चुनाव

दीपक या दीया – अखिल भारतीय जनसंघ का चुनावचिह्न था।

भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ श्यामाप्रसाद मुखर्जी
प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा लागू आपातकाल (१९७५-१९७६) के बाद जनसंघ सहित भारत के प्रमुख राजनैतिक दलों का विलय कर के एक नए दल जनता पार्टी का गठन किया गया। आपातकाल से पहले बिहार विधानसभा के भारतीय जनसंघ के विधायक दल के नेता लालमुनि चौबे ने जयप्रकाश नारायण के आन्दोलन में बिहार विधानसभा से अपना त्यागपत्र दे दिया।

सन १९८० में जनता पार्टी टूट गयी। भारतीय जनसंघ के एक गुट ने अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी के नेतृत्व में जनसंघ से अलग होकर समाजवादी और गांधीवादी विचारधारा के नेताओं के साथ मिलकर भारतीय जनता पार्टी का गठन किया।उसके बाद भारतीय जनसंघ के संस्थापक सदस्य प्रोफेसर बलराज मधोक ने अखिल भारतीय जनसंघ को चुनाव आयोग से पंजीकरण कराकर भारतीय जनसंघ को बनाए रखा। प्रोफेसर बलराज मधोक 2016 तक अखिल भारतीय जनसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर रहे। उनकी मृत्यु के पश्चात अखिल भारतीय जनसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. आचार्य भारतभूषण पाण्डेय हैं।

अखिल भारतीय जनसंघ की कथित विचारधारा “एकात्म मानववाद” सर्वप्रथम १९६५ में दीनदयाल उपाध्याय ने दी थी।

लोकसभा चुनावों में उत्तरोत्तर सफलता
संपादित करें
१९५२ में ३.१ प्रतिशत वोट ३ सीट,
१९५७ में ५.९ प्रतिशत वोट ४ सीट,
१९६२ में ६.४ प्रतिशत वोट और १४ सीट, तथा
१९६७ में ९.४ प्रतिशत वोट ३५ सीट हासिल की।
१९७१ में ७.३७ प्रतिशत वोट २२ सीट हासिल की।
जनसंघ के अध्यक्ष
संपादित करें
डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी (१९५१–५२)
मौलि चन्द्र शर्मा (१९५४)
प्रेम नाथ डोगरा (१९५५)
आचार्य देवप्रसाद घोष (१९५६–५९)
पीताम्बर दास (१९६०)
अवसरला राम राव (१९६१)
आचार्य देवप्रसाद घोष (१९६२)
रघु वीर (१९६३)
आचार्य देवप्रसाद घोष (१९६४)
बच्छराज व्यास (१९६५)
बलराज मधोक (१९६६)
दीनदयाल उपाध्याय (१९८७–६८)
अटल बिहारी वाजपेयी (१९६९–७२)
लालकृष्ण आडवाणी (१९७३–७७)

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