हनीट्रेप का शिकार बृजेश साहू की संदेहासपसद खबर बनाकर किन किन लोगो ने की वसूली ?

हनीट्रेप का शिकार बृजेश साहू की संदेहासपसद खबर बनाकर किन किन लोगो ने की वसूली ?

क्या बृजेश साहू हुआ साजिश का शिकार ?
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क्या एक दशक पूर्व से भी अधिक परिचित मां बेटी की आर्थिक महत्वकांक्षा जाग उठी अचानक ?

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विगत कई महीनो से लगातार तथाकथित युवती द्वारा ब्लैकमेलिंग का शिकार बृजेश साहू, जो कि 2लाख रू दे चुका है तो युवती और उनके परिजनों ने सोने का अंडा देने वाली मुर्गी रूपी बृजेश साहू को एकाएक बड़ी वसूली हेतु शिकार बनाने की साजिश को अंजाम दिया?

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बृजेश साहू के पक्ष में इसलिए दम नजर आता है कि लगातार ब्लैकमेलिंग का शिकार होने से अच्छा है कि मामले का सच उजागर कर ही दिया जाए ? यदि बृजेश साहू गलत होते तो सबसे पहले तथाकथित युवती को ही कोई बड़ा आर्थिक लालच देकर मामले को खत्म कर सकते थे ?लेकिन,बृजेश साहू ने लगातार ब्लैकमेलिंग का शिकार होना उचित नही समझा !

तथाकथित युवती के गंभीर आरोपों के बदले, युवती की ब्लैकमेलिंग का शिकार बृजेश साहू का पक्ष किसी मिडिया ने क्यों नही प्रकाशित,प्रसारित किया ?

बाइट लेने के नाम पर वसूली करने वाली मिडिया गैंग को बृजेश साहू की बाइट लेने की जरूरत क्यों नही समझी ?

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ऐसे कई सवाल है,जिनका जवाब,दुर्लभ ईमानदार मिडिया को और जांच एजेंसियों को तलाशना ही होगा ?
कभी गंभीर आरोप लगाना, कभी शपथ पत्र देना कि कुछ हुआ ही नहीं ? क्या बिलासपुर में सक्रिय है ऐसी गैंग जो अमीरों की अमीरी पर गंभीर आरोप लगाकर अपनी गरीबी दूर करना चाहते है ?
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देर से ही सही, सता से सवाल लिखेगा वही, जो सच निकलकर आयेगा ?
“सत्ता से सवाल” की निजी जांच में हुआ बड़ा रहस्योद्घाटन कि बृजेश साहू पर गंभीर आरोप लगाने वाली युवती के साथ कुछ पत्रकारों ने लालच दिया कि तथाकथित पीड़िता के साथ हुई घटना की बनायेगे खबर बोलकर झूठा / सच्चा सबूत रूपी वीडियो तो तथाकथित युवती से लिया लेकिन फिर तहकीकात जारी है कि संदेहासापाद सूचना वायरल कर रेवड़ी खाने वालो का खुलासा भी अब होना ही चाहिए?क्या तथाकथित युवती ने संदेहास्पसद परिस्थितियों में बनाया गया वीडियो,इस उम्मीद में कुछ पत्रकारों को दे दिया कि अब कुछ ही घंटो में लाटरी लगने वाली है ? लेकिन, तथाकथित पत्रकारों ने अपनी अपनी हैसियत अनुसार अपनी खुद की लॉटरी लगाना ही उचित समझा ? इसके वावजूद किसी ने भी असली पीड़ित बृजेश साहू का पक्ष जानने का, प्रकाशित, प्रसारित करने का नही किया प्रयास? संपर्क न हों पाने की स्थिति में, “सता से सवाल” सहित गूंज टुडे को भी देर से मिला बृजेश साहू का पक्ष ?और जाना असल सच दस्तावेजी सबूतो के साथ, तो प्रस्तुत है,पीड़िता द्वारा नोटरी किए गए दस्तावेजी साक्ष्यों सहित असल कहानी का सच ?
कि मामला जो बनाया गया,बताया गया?वो कहानी है कुछ और ?बिलासपुर के तमाम अमीरो को हो जाना चाहिए सावधान ! कि सावधान रहे बिलासपुर में सक्रिय है ब्लैकमेलिंग गैंग ?

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