छ:ग में हिंदुओ का भविष्य तय करने वाली सीट ?:

बिलासपुर : बीजेपी ने छत्तीसगढ़ में लगातार 15 साल शासन किया, लेकिन कही भी सांप्रदायिक घटना नही हुई, लेकिन, कांग्रेस के मात्र 5 साल में तो जैसे सांप्रदायिक घटनाओं सहित एक संप्रदाय विशेष हावी हो गया ?जनता ऐसा महसूस करने लगी है, साजा विधानसभा क्षेत्र में ईश्वर साहू का जवान बेटा भी इसी सांप्रदायिक आग में शहीद हो गया ! कवर्धा में भी बड़ी सांप्रदायिक घटना में कई जिंदगियां बाल बाल बची ? ऐसी घटनाओं का असर यह हुआ कि विगत एक साल में छत्तीसगढ़ में भगवा धारी न केवल सड़को पर आए बल्कि छत्तीसगढ़ को भगवा माहौल में तब्दील करने ओर सनातनियो संतो,कार्यक्रमों की बाड़ सी आ गई ?
वही दुसरी तरफ छत्तीसगढ़ में सतारूढ़ कांग्रेस पार्टी की सरकार में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मौके की नजाकत को समझते हुए और अपनी सेकुलर छवि को बरकरार रखने हेतु राम वन गमन मार्ग का विस्तार कर,भगवा माहौल को कमतर आंकने का असफल प्रयास किया, वही साजा और कवर्धा विधानसभा में आज भी चुनाव का मुख्य मुद्दा सांप्रदायिक आधार पर बना हुआ है !
हिंदू संगठनों को चाहिए कि इन दोनो सीट पर भाजपा में पक्ष में भगवा फहराने कोई कसर बाकी न छोड़े तो अच्छा होगा,क्योंकि, छत्तीसगढ़ में चुनाव भले ही 90सीट पर हो रहे हो ?लेकिन छत्तीसगढ़ में हिंदुओ की एकता,संगठित होने का सबूत मात्र ये ही 2 सीट होगी ! इन दोनो जगहों पर इतनी बड़ी बड़ी सांप्रदायिक घटनाएं होने के बाद भी हिंदू मतदान के माध्यम से अपनी एकता प्रदर्शित नही करता है तो हिंदुओ का छत्तीसगढ़ में भविष्य अंधकार मय नजर आता है, प्राप्त सूचनाओं के अनुसार साजा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी ईश्वर साहू के समर्थन में अभी तक कोई भी हिंदू संगठन मैदान में नही आया है, जबकि छत्तीसगढ़ का पहला ऐसा उम्मीदवार है ईश्वर साहू जिनको हिंदुओ के,हिंदू संगठनों के तन मन धन से सपोर्ट के साथ हिंदू मतदाताओं से वोट भी और नोट भी, कि सख्त जरूरत है, हालांकि ईश्वर साहू को मिल रहा पुरजोर समर्थन बताता है कि यदि छत्तीसगढ़ के हिंदू संगठन भी ईश्वर साहू के साथ खड़े हो जाए तो छत्तीसगढ़ में इन दोनो सीटो के चुनाव परिणाम छत्तीसगढ़ में हिंदुओ का भविष्य तय करने वाले साबित होंगे ?