VHP के कार्यक्रम में बंटी ईसाईयत प्रचार की बुक्स ! जिम्मेदार कौन ?
बिलासपुर : बिलासपुर में दिनांक 20/01/24 को तिलक नगर बिलासपुर स्थित राम मंदिर में कार सेवको के सम्मान हेतु वीएचपी द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बंटी पुस्तक “चिंता छोड़ो,सुख से जीओ” डेल कारनेगी द्वारा लिखित पुस्तक का वितरण हुआ, पुस्तक विक्रेता के रूप में पुस्तक के अंदर श्री बुक डिपो,बिलासपुर का स्टीकर लगा हुआ है ! जो गुप्ता परिवार की दुकान है !
कार सेवको के सम्मान कार्यक्रम में बंटी ईसाईयत प्रचार की बुक्स,कार्यक्रम के बाद बंट चुकी पुस्तके वापिस लेने आयोजक हुए बेचैन !
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दिनांक 20/01/2023 को वीएचपी के बैनर तले, आरएसएस के राष्ट्रीय स्तर के प्रचारक, हिंदुओ के चहेते और परम आदरणीय श्रीमान सीदार जी के मुख्य आतिथ्य में बिलासपुर से 1992 में अयोध्या गए कार सेवको का सम्मान हेतु यह आयोजन,आयोजित था,
सब कुछ हिंदुत्व के अनुरूप चल रहा था कि कार सेवको का भगवा दुप्पटा सहित भगवान श्रीराम की अत्यधिक मनमोहक फोटो भेंट कर सभी कार सेवको का सम्मान किया गया, तथा मुख्य अतिथि ने कार सेवको के सम्मान में भगवान श्रीराम और निषाद का ऐतिहासिक वृतांत सुनाते हुए कार सेवको का उत्साह वर्धन सहित आज अयोध्या में बन रहे भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर का श्रेय भी कार सेवको को दिया ! भजन,कीर्तन,जय श्रीराम के उदबोधन के साथ सब कुछ हिंदुत्व के अनुरूप और ठीक चल रहा था ! कि अचानक सभी कार सेवको को किसी विदेशी लेखक “डेल कारनेगी” द्वारा लिखित पुस्तक “चिंता छोड़ो,सुख से जीओ” वितरित की गई !, आयोजको को शायद अहसास नही था कि पुस्तक किस तारतम्य में है, यदि उक्त पुस्तके देने वाला भी गुप्ता परिवार, श्री बुक डिपो है तो आयोजको सहित किसी ने भी उक्त पुस्तक के बारे में अधिक जांच परख करना उचित नहीं समझा ?लेकिन,कुछ ही देर में पुस्तक पाए लोगो द्वारा कुछ ही पन्नो को सरसरी तौर पर पढ़ने के बाद उन्हें अहसास हुआ कि प्रत्यक्ष /अप्रत्यक्ष रूप से उक्त पुस्तक तो ईसाइयत का प्रचार है, इस सच को आयोजको के संज्ञान में लाते ही आयोजको ने वितरित पुस्तके वापिस लेने का प्रयास किया लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी,काफी लोग उक्त पुस्तक को लेकर जा चुके थे, उक्त पुस्तक के पृष्ठ क्रमांक 199 पर लिखे कुछ अंश इस तरह है :,
हा,ईसाई धर्म प्रेरक एवम स्वास्थ्य वर्धक गतिविधि है, ईसा मसीह ने कहा था मैं इसलिए आया हूं ताकि तुम्हे जीवन मिल सके और अधिक प्रचुरता से मिल सके ! ईसा मसीह ने अपने युग के धर्म के नाम पर चल रहे मुर्दा कर्मकांडो एवम पाखंडो की निंदा करते हुए उन पर हमला किया! ये एक विद्रोही थे,उन्होंने एक नए प्रकार के धर्म का उपदेश दिया,एक ऐसा धर्म जिसमे दुनिया को बदलने का सामर्थ्य था,इसलिए उन्हे स्लीव पर लटकाया गया,
क्रमश्य … ।।और भी बहुत कुछ .. ..
पुस्तक में पृष्ठ क्रमांक 199 के अलावा भी कई जगह ईसाइयत का प्रचार इस पुस्तक में है ! लेकिन हिंदुओ से संबंधित,सनातन से संबंधित किसी बात की, वेदों की चर्चा इस पुस्तक में नही है सिवाय इशू मसीह को अच्छा बताने के अलावा झूठे किस्से कहानियों से भरी पड़ी है यह पुस्तक !
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क्या हिंदुत्व /हिंदुओ से संबंधित धार्मिक आयोजनों में कोई फ्री में कुछ भी बांटने को दे जायेगा तो आयोजक बिना जांचे परखे कोई भी पुस्तक हिंदुओ के विरुद्ध ईसाईयत प्रचार वाली पुस्तकों का वितरण इसी तरह कर देगा?आयोजको को तो यह भी नही मालूम कि उन्हें ये पुस्तके कोन देकर गया है,बस कार्यक्रम के दौरान पुस्तके आई और वितरित कर दिया गया !
उपरोक्त पुस्तक किस के द्वारा वीएचपी के कार्यक्रम में वितरित की गई ?इस संबंध में गुप्ता परिवार द्वारा संचालित श्री बुक डिपो संस्थान के लोग ही सही जानकारी दे सकते है ? यदि पुस्तक खुद श्री बुक डिपो द्वारा अपनी तरफ से बंटवाई गई है तो इस आशय की भी जांच होनी चाहिए ! कि हिन्दू होते हुए ईसाई धर्म के प्रचार संबंधी पुस्तके बंटवाने का आशय क्या है ? इस स्थिति में सही जानकारी और पक्ष श्री बुक डिपो से ही प्राप्त हो सकता है कि वीएचपी के कार्यक्रम में उपरोक्त पुस्तके कैसे पहुंची ?कौन था इन पुस्तकों का खरीददार ?

