पुलिस में अपराध की जड़ पर प्रहार की इच्छाशक्ति क्यों नही ?
न्यूज पोर्टल डेमिक्रेसी अनुसार बोरियों में भरकर खपाने ले जाए जा रहे नकली नोटों से भरा बंडल परिवहन के दौरान पकड़ाया, 3 करोड़ 80 लाख रुपए के नकली नोट पकड़ाए
महासमुंद। पुलिस ने 3 करोड़ 80 लाख रुपए के नकली नोटों का बंडल बरामद किया है। आरोपी नोटों को साड़ियों के बीच में छुपा कर ले जा रहे थे। पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है और मामले की जांच जुट गई है।
पुलिस अधीक्षक राजेश कुकरेजा के निर्देश पर जिले की सीमाओं में अवैध सामग्री, नशीले पदार्थों और बहुमूल्य धातुओं की तस्करी को रोकने के लिए लगातार वाहनों की जांच की जा रही है। इसी दौरान सरायपाली पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि पिकअप वैन क्रमांक सीजी 13 एयू 4670 से नकली नोट सारंगढ़ तरफ से सरायपाली होते हुए रायपुर परिवहन होना है। सूचना को गंभीरता से लेते हुए एसपी राजेश कुकरेजा को इसकी जानकारी दी गई और उनके निर्देश पर पुलिस पार्टी ने अग्रसेन चौक सरायपाली में घेराबंदी की गई। इस दौरान आने वाली एक पिकअप को रुकवा कर तलाशी ली गई। तलाशी में साड़ियों के अंदर चार प्लास्टिक की बोरियों में नकली नोट मिल गए। नकली नोटों की गिनती करने पर 500–500 रुपए के कुल 760 बंडल बरामद हुए। इन 760 बंडलो में 3 करोड़ 80 लख रुपए के नकली नोट थे। वाहन चालक आरोपी अरुण सिदार से पूछताछ करने पर उसने बताया कि अपने एक अन्य साथी के साथ मिलकर रुपए के लालच में वह घटना कारित कर रहा था। आरोपी से पूछताछ के बाद मेमोरेंडम कथन व तलाशी लेकर थाना सरायपाली में आरोपी अरुण सिदार पिता जयपाल सिदार उम्र 18 वर्ष निवासी सरायपाली के विरद्ध धारा 489 (ख) (ग) 34 पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है। इस संबंध में आरोपी से लगातार विवेचना और पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने 500 रुपए के 76000 नोट ( 760 पैकेट) जब्त किया है। पुलिस ने 3 करोड़ 80 लाख रुपए के अलावा साड़ियां 12 नग 1200, पिकअप वाहन सीजी 13 एयू 4670 कीमत 10 लाख रुपए को जब्त किया है।
सवाल यह है कि पुलिस,अपराध की जड़ पर प्रहार करती क्यों नही ? आए दिन गांजा की बड़ी बड़ी खेप बरामद होने की खबरे मिडिया में आती है, पुलिस ने गांजा पकड़ा, वाही वाही लूट ली ? गांजा कहा से आया, किस को डिलीवर किया जाना था, स्रोत क्या है ?किस ने भेजा ? कोई जांच क्यों नही ? गांजा परिवहन कर्ता वाहन कोई भी हो ? वाहन चालक इतना तो जरूर बतायेगा किस मोबाइल नंबर के संपर्क में से, किस व्यक्ति से, किस स्थान से गाड़ी में गांजा लोड किया ?उन सभी की कड़ी से कड़ी मिलाकर सभी आरोपियों की गिरफ्तारी होती क्यों नही ? गांजा भेजने वाला ओडिसा में बैठा है उसकी एक खेप छत्तीसगढ़ पुलिस ने पकड़ भी ली तो उसे क्या फर्क पड़ेगा ?फर्क तब पड़ेगा जब जिंदगीभर छत्तीसगढ़ की जेल में रहेगा, छत्तीसगढ़ की अदालतों में हर पेशी पर चक्कर लगाएगा ? ओर अभियोजन पुलिस करेगी दमदार तैयार तो लंबी सजा होगी तभी तो लगेगी मादक पदार्थो की तस्करी पर लगाम ? क्या पुलिस खुद नही चाहती कि अपराध को जड़ से खत्म किया जाए ?क्या तमाम प्रकार के अवैध कारोबार ही पुलिस की अवैध आय का बड़ा और नियमित स्रोत है ? जिसे वो कभी बंद नही करना चाहेगी ? पुलिस की तमाम प्रेस रिलीज में इस बात का उल्लेख रहता है कि जब भी गांजा इत्यादि पकड़ा जाता है तो प्रेस विज्ञप्ति में लिखा जाता है कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के निर्देशानुसार उनके मार्गदर्शन में नशे के खिलाफ कार्यवाही करते हुए पुलिस ने मुस्तैदी के साथ चेकिंग के दौरान किलो गांजा पकड़ा ?क्या कोई पुलिस का वरिष्ठ अधिकारी यह नही कहता कि गांजा की उत्पति स्थान से लेकर भेजने वालो को,पाने वालो को परिवहन करने वालो को सबकी कड़ी से कड़ी मिलाकर सभी को गिरफ्तार कर जेल भेजो ? ओर नशे के कारोबार पर जड़ से प्रहार करो ? अन्यथा, कब तक चलेगा यह अंतहीन सिलसिला ? कोई बतायेगा ?

