कोटवारीन प्रमिला सहित पटवारी धीवर,तत्कालिक तहसीलदार मोर या चोर ?निष्पक्ष पुलिस जांच जरूरी ?

कोटवारीन प्रमिला सहित पटवारी धीवर,तत्कालिक तहसीलदार मोर या चोर ?निष्पक्ष पुलिस जांच जरूरी ?

मैं भी सोचू? कि कांग्रेसी सत्ता में बिलासपुर सहित पूरे छत्तीसगढ़ राज्य में इतने सारे जमीनी घपले घोटाले उजागर हुए, आए दिन वकीलों के समूहों का बिलासपुर रायगढ़ में तहसीलदारों के साथ वाद विवाद होते थे लेकिन तत्कालिक राजस्व मंत्री की कुछ भ्रष्ट पटवारियों सहित कुछ भ्रष्ट तहसीलदारों के साथ इतनी तगड़ी सेटिंग थी कि आम जनता की बात तो छोड़ो वकीलों के संगठनों के विरोध ओर विवादो के बाद भी राजस्व विभाग सुधरने का नाम नहीं ले रहा था, वैसे भी कांग्रेसी सत्ता जाने के बाद जमीनी संबंधी धोखाधड़ी की यह पहली FIR है, इससे पहले तो जमीनी विवादो की, जमीनों के लेनदेन में धोखाधड़ी या आपराधिक सड़ यंत्र की FIR होना ही बंद हो गई थी, बड़ा सवाल अब भी वही है क्या पीड़ित एवम प्रार्थी राहुल यादव को पुलिस की निष्पक्ष जांच से इंसाफ मिलेगा ?

निष्पक्ष जांच का मतलब है कि कोटवारी न प्रमिला यादव की करोड़ो की सरकारी भूमि जो कोटवार कोटे के अंतर्गत आती है जिसकी बिक्री नही की जा सकती है, खसरा बी वन में उक्त रिमार्क किसने हटाया, किस के आदेश पर हटाया गया ?यह जवाब तो तत्कालिक पटवारी धीवर सहित तत्कालिक तहसीलदार को देना ही होगा? हम राजस्व दस्तावेजों के रिकार्ड संबंधी व्यवस्था के बारे में अधिक तो नही जानते लेकिन, इतना तो तय है कि जिनके हस्ताक्षर से खसरा बी वन जारी होते है जिम्मेदार उन्ही तत्कालिक अधिकारियों और पटवारियों को माना जाता है ?

खासखबर बिलासपुर / आख़िरकार लम्बे समय बाद सिविल लाइन पुलिस ने धोखाधड़ी करने वाली महिला कोटवार प्रमीला मानकपुरी समेत अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिया है…जिनकी तलाश की जा रही है….

आपको बता दे प्रार्थी राहुल यादव ने सिविल लाइन थाना में एक शिकायत दर्ज किया था की उसने मंगला में एक जमीन फर्जीवाड़े की शिकायत की थी..जिसमे मंगला की कोटवार प्रमिला मानिकपुरी ने सांठ गांठ करके जमीन किसी दूसरे को बेच दिया था…जबकि नियम से एक जमीन को एक ही व्यक्ति को बेचा जा सकता है …इसके बाद भी महिला ने भरोसे का फायदा उठाकर जमीन को किसी और के नाम रजिस्ट्री कर दी…

.आरोप है की तत्कालीन पटवारी किशन लाल धीवर और तत्कालीन तहसीलदार रमेश मोर भी शामिल है…जिनकी मिली भगत के कारण जमीन का फर्जीवाड़ा हुआ है….इस मामले को जब सिविल लाइन पुलिस ने गंभीरता से लिया और जाँच किया तो वाकई में महिला प्रमिला मानिकपुरी ने षड़यंत्रपूर्वक जमीन मे हेराफेरी की थी….जिसके बाद पुलिस ने मामले में आरोपी प्रमिला मानिकपुरी और अन्य के खिलाफ धारा 420 के तहत जुर्म दर्ज कर लिया है…

.इधर शिकायत करने वाले ने बताया है की मामला लाखो का नही करोड़ो का जिसमे राजस्व के अफसर भी जुड़े हुए है…यही कारण है एक जमीन को फर्जी तरीके से बेच दिए और किसी को भनक तक नहीं लगने दी…प्रार्थी राहुल यादव ने यह भी कहा की उक्त जमीन को जब वह सौदा कर चुका था तो वह कोटवार किसी और से सौदा कैसे कर सकती थी….इसके बाद जब उससे पैसो की मांग की गयी तो वह टाल मटोल करती रही….तब कही जाकर थाना में सुचना दिया गया….प्रार्थी ने यह भी कहा की यह तो सिर्फ एक मामला है अगर पुलिस और तहसीलदार समेत राजस्व विभाग बारीकी से जाँच करे तो कई खुलासे हो सकते है…..फिलहाल पुलिस इस मामले की जाँच में जुटी हुई है….

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