एक बार यह भी कर लीजिए CG, CM साहब !

एकबिलासपुर: सता किसी की भी हो, राजनीतिक नेतृत्व करने वाला नेता कोई भी हो ? ऐसा नेता कोई नही, और हो भी नही सकता, जो सभी लोगो की अपेक्षाएं पूरी कर सके, फिर भी लोकतंत्र में,चुनाव में, संतुष्ट लोगो का मतदान प्रतिशत सता में रखने या सता से बाहर करने का सशक्त फार्मूला है, और होता भी यही है, इसी को एंटी कांबेसी भी कहते है, पिछली बार विधानसभा चुनाव के ठीक पहले, जबकि चुनाव में मात्र 4 महीने ही बचे थे, किसी भले सलाहकार ने बीजेपी की सता को सुझाव दिया था कि सता की एंटी केंबेसी जानने के लिए जनता से सुराज अभियान के तहत आवेदन मंगवाए जाए, इस आशय से कि कितने लोगो के क्या क्या काम नही हुए है ? लेकिन, पिछले विधानसभा चुनाव में पूर्व CM DOCTOR रमन सिंह को किसी शुभचिंतक सलाहकार ने यह सलाह देने में अत्यधिक देरी कर दी थी, क्योंकि चुनाव में इतना समय ही नही बचा था कि प्राप्त एक करोड़ तीस लाख जन आवेदनों का जन अपेक्षाओं के अनुरूप सही संतोष जनक निराकरण हो पाता? सोचिए, छत्तीसगढ़ की जनसंख्या लगभग ढाई करोड़ और आवेदन आए थे, एक करोड़ तीस लाख, यदि एक परिवार कुल 4 सदस्यों का भी मान लिया जाए तो लगभग 60/70 लाख परिवार होते है और आवेदन आए एक करोड़ तीस लाख, यानि हर घर सता से असंतुष्ट था, तभी तो कांग्रेस को इतना व्यापक अनापेक्षित बहुमत मिला था, छत्तीसगढ़ में चुनाव के समय राजनीतिक नेतृत्व के लिए जनता शब्द विलोपित होकर सम्मानिय मतदाता शब्द उपयोग अधिक होता है ! क्योंकि ये जनता रूपी मतदाता ही सता की न केवल निर्णायक होती है, बल्कि एक सामान्य व्यक्ति को प्रदेश का राजा बना देती है, यह सही है कि वर्तमान छत्तीसगढ़ सीएम भूपेश बघेल चुनाव के लगभग डेढ़ दो साल पहले ही गांव गांव का दौरा कर लोगो की लगातार समस्याओं का निदान कर रहे है लोगो की मांगों पर अमल करवाया जा रहा है, फिर भी सुशासन का सच जानने के लिए जनता से तुरंत आवेदन मंगवाए जाए कि किन किन लोगो के क्या क्या काम नही हो रहे, और लोगो की उन तमाम शिकायतों पर त्वरित गति से अम्ल कराकर, जनता से प्राप्त आवेदनों पर प्रशासनिक सख्ती से अनिवार्य निराकरण सुनिश्चित कर, जनता को सुशासन का अहसास कराओ सीएम साहब, आपके निर्देशानुसार प्रशासन जनता की शिकायतों के निराकरण हेतु केवल खाना पूर्ति कर रहा है, लोग निराश होकर लौट रहे है, सार्वाधिक शिकायते नगर निकायों,पुलिस,और राजस्व विभाग की है, जनता महसूस करती है कि कांग्रेस से सता संभल नहीं रही है, प्रशासन आपके नियंत्रण में है नही ! जनता की सुनवाई हो नही रही है, एक बार सच तो जानिए सीएम साहब ! कभी वेश बदलकर थाने में FIR कराने तो जाइए सीएम साहब, कभी वेश बदलकर ऑनलाइन जन सेवा केंद्रों में खसरा बी वन की कापी ही निकलवा कर देखिए सीएम साहब कि केसे अधिक पैसे लिए जाते है, जनता मतपेटी में बोलेगी, राजनीतिक दलों के अलावा जन सामान्य जनता ने अब सड़को पर बोलना छोड़ दिया है ! कौन पुलिस की लाठी खाए, कौन पुलिस कार्यवाही का सामना करे ? जनता मतपत्र पर बोलती है अब ! इसलिए जरूरी है कि राज्य का राजा अपने राज धर्म कर्तव्यों का सच जाने ? अधिकारी आपको कभी भी सच का दर्शन नही कराएंगे, साहब !

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